क्या किराए की प्रॉपर्टी पर लम्बे समय से रहने वाला किरायेदार बन सकता है प्रॉपर्टी का मालिक ? | When Tenant become Owner of the Property?

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दोस्तों, अकसर लोगों को एजुकेशन या जॉब के पर्पस से अपने टीयर-2 और टीयर-3 शहरों के खूबसूरत और बड़े घरों से निकलकर मेट्रो शहरों में किराये पर आकर रहना पड़ता है।और उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा घर किराये पर लेने में खर्च होता है। तो वही काफी लोग ऐसे है जिनका घर खर्च ही उनकी प्रॉपर्टी से मिलने वाले रेंट से चलता है। और कुछ लोग ऐसे होते है जिनके पास एक से ज्यादा प्रॉपर्टी होती है तो वो लोग अपनी प्रॉपर्टीज को रेंट पर दे देते है जिससे उनहे एक इनकम आनी शुरू हो जाती है। लेकिन कई बार मकान को किराए पर देना मकान मालिक को महंगा पड़ जाता है। क्योंकि कई बार मकान मालिक के ऊपर किराएदार केस कर देता है जिससे मकान मालिक को बहुत परेशानी होती है और कभी कभी तो उसे अपना मकान भी गवाना पड़ता है। 

दोस्तों बहुत से माकन मालिकों को ये डर रहता है  की अगर कोई किराएदार किसी दुकान मकान या किसी दूसरी प्रॉपर्टी पर यदि लंबे समय तक रह रहा है तो वह उस पर कब्ज़ा कर सकता है। और बहुत सारे लोग यह मानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति 20 साल या उससे ज्यादा वक्त के लिए किसी प्रॉपर्टी पर किराएदार रहता है तो वह उसका Legally मालिक बन जाता है। क्या ये सच है ? आज हम इसी बारे में बात करेंगे की क्या कोई किरायेदार ज्यादा लम्बे समय तक किसी प्रॉपर्टी में रहने पर उस प्रॉपर्टी पर अपना मालिकाना हक़ जता सकता है? क्या 12 साल, 20 साल, या 50 साल एक प्रॉपर्टी पर रहने वाला किरायेदार उस प्रॉपर्टी का मालिक बन जाता है? तो चलिए शुरू करते है।

दोस्तों, सबसे पहले हम आपको बता देते हैं कि यदि कोई आदमी किसी लंबे समय से किसी की प्रॉपर्टी के ऊपर किराए पर रह रहा है चाहे वह दुकान, मकान या कोई भी दूसरी कोई प्रॉपर्टी हो तो वह उसका मालिक नहीं बन सकता है।  हमारे संविधान में ऐसा कोई भी नियम नहीं है जिससे कि कोई आदमी किसी किराए की प्रॉपर्टी का मालिक बन सके।  चाहे वह कितनी भी लंबे समय से किराए रह रहा हो। 20 साल 50 साल से ज्यादा भी अगर कोई आदमी किसी की प्रॉपर्टी के ऊपर किराए पर रह रहा हो तो भी वह मालिक नहीं बन सकता है। जब तक की वह प्रॉपर्टी को खरीद ना ले तब तक वह किराएदार ही रहेगा।  वह प्रॉपर्टी किराए की ही रहेगी और उसका मालिक वही होगा जो पहले था।

और ऐसे बहुत से केस  कोर्ट में आए हैं जिसमें कोर्ट ने यह साफ किया है कि चाहे कोई भी किराएदार कितने भी लंबे समय से किसी प्रॉपर्टी के ऊपर किराए पर रह रहा हो वह उसका मालिक नहीं बन सकता है।  वह प्रॉपर्टी किराए की ही रहेगी  वह हमेशा उस प्रॉपर्टी के ऊपर किराएदार ही रहेगा।

लेकिन भारत में ऐसे केस भी आए हैं जिसमें किराएदार ने प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक जताने के लिए केस किया और वह जीत भी गया।  लेकिन इस प्रकार के केस में जो लोग किराए की प्रॉपर्टी के ओनर बन जाते हैं उसका यह कारण नहीं होता है कि वह ज्यादा लंबे समय से उस प्रॉपर्टी पर किरायेदार के रूप में रह रहे थे।  बल्कि इसका मेन रीज़न होता है मकान मालिक का लापरवाही बरतना।  उसका अपने मकान पर ध्यान नहीं देना। मकान मालिक अगर ये  गलतियां कर देता है तो उसको अपना मकान गवाना पड़ सकता है :

  1. कई बार मकान मालिक के पास मकान के पूरे कागज नहीं होते हैं जिसके कारण मकान मालिक को मकान गवाना पड़ सकता है
  2. कई बार मकान मालिक के पास नकली कागज होते हैं
  3. कई बार मकान मालिक अपने मकान के ऊपर कोई ध्यान नहीं देता है या मकान मालिक खुद कहीं दूसरी जगह में रहता हो।  और  स्थिति का फायदा उठाकर किराएदार मकान मालिक से मकान हड़प लेता है।

तो आपको ऐसा क्या करना चाहिए जिससे कि किराएदार आप की प्रॉपर्टी पर ओनरशिप क्लेम ना कर सके?

  1. आपको हमेशा एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अगर आपके पास आपकी प्रॉपर्टी के लीगल डाक्यूमेंट्स नहीं है तो आपको उस प्रॉपर्टी को भूलकर भी किराए पर नहीं देना चाहिए।  क्योंकि जिस प्रॉपर्टी के लीगल डाक्यूमेंट्स नहीं होते हैं तो उसका मालिक वही होता है जिसका उस पर कब्ज़ा होता है और डॉक्यूमेंट्स तो कभी भी कोई भी बनवा सकता है।
  2. यदि आप अपना मकान किराए पर देते हैं तो सबसे पहले आपको अपना वैलिड रेंट एग्रीमेंट बनवा लेना चाहिए।  और उसको रजिस्टर करवा लेना चाहिए।
  3. रेंट एग्रीमेंट में जितनी भी नियम और शर्तें हैं जिनमें कि आपको लगता है कि आगे चलकर के कोई प्रॉब्लम हो सकती है तो वह कंडीशंस आपको अपने एग्रीमेंट में साफ साफ लिख देनी चाहिए।  जैसे कि किराया कब और कितना बढ़ाया जाएगा, साथ ही किराए देने का Time period क्या रहेगा और आपके प्रॉपर्टी आप कब खाली करवा सकते हैं।  इस प्रकार की सारी बातें आपको रेंट एग्रीमेंट में साफ-साफ लिख देना चाहिए।
  4. आपको ध्यान रखना चाहिए कि जैसे ही आप का रेंट एग्रीमेंट एक्सपायर होता है तो आपको उसे जल्द से जल्द रिनिवल करवा लेना चाहिए। और जो भी टर्म ऑफ कंडीशन उसके अंदर लिखी गई है उनको दोबारा रिव्यु करना चाहिए।
  5. आपको अपने मकान की तरफ से कभी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।  आपको अपने मकान और किराएदार पर हमेशा पूरी नजर रखनी चाहिए और जब भी आपको लगे कि किराएदार से मकान को खाली करा लेना चाहिए तो आपको जल्द से जल्द किराएदार से मकान खाली करा लेना चाहिए।

दोस्तों आपके माकन पर कोई कब्ज़ा न आकर इसके लिए आप एक समझदार मकान मालिक बनें। अपने किराएदार पर हमेशा नजर बनाकर रखें। जब भी आपको कुछ गड़बड़ लगे तो तुरंत ही मकान खाली करा लेना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि किन कारणों से मकान मालिक अपना मकान किराएदार से खाली करा सकता है-

  • किराएदार ने 4 या 6 महीने से किराया ना दिया हो।
  • जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश किया हो।
  • किराएदार ने कोई नया कंस्ट्रक्शन कराया हो।
  • बिना परमिशन के दूसरे को कब्‍जा देने पर।
  • मकान मालिक के हक से इंकार करने पर।
  • मकान का किसी दूसरे उद्देश्‍य के लिए इस्‍तेमाल करना। जिस काम के लिए घर किराए पर लिया हो और वह काम न कर रहा हो।
  • मकान मालिक को मकान के पुर्निमाण की जरुरत हो।

इनमें से कोई भी कारण हो तो आप घर खाली करवा सकते हैं। इसके अलावा अलग-अलग स्‍टेट का अपना अलग नियम होता है। हर स्‍टेट का अपना एक रेंट कण्‍ट्रोल एक्‍ट होता है।

किराएदार से अपनी प्रॉपर्टी को खाली कराने के लिए आपके पास सबसे पहले एक वैलिड कारण होना चाहिए। अगर इसके बाद भी आपका किराएदार आप की प्रॉपर्टी को खाली नहीं करता है तो आप पुलिस की मदद नहीं ले सकते क्योंकि यह पुलिस के अंडर नहीं आता है। इसके लिए आपको सिविल कोर्ट में केस करना पड़ेगा और आप कोर्ट के फैसले के आधार पर ही अपनी प्रॉपर्टी खाली करवा सकते हैं। और ज़ोर ज़बरदस्ती से तो आप किरायेदार को घर से निकलने की कोशिश ना करे नहीं तो ये आपके ऊपर उल्टा पड़ सकता है।

तो दोस्तों इस तरह से आप एक समझदार मकान मालिक बन कर अपनी संपत्ति पर कब्ज़ा होने से बचा सकते है।

तो दोस्तों उम्मीद करते है की आपको हमारा आज का आर्टिकल भी अच्छा लगा होगा।  हमारा आर्टिकल आपको कैसा लगा ये हमें नीचे कमेंट करके ज़रूर बताएगा।  और इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शेयर कर दीजियेगा।  धन्यवाद्।