न्‍यूनतम और अधिकतम कितना निवेश कर सकते हैं?

पीपीएफ में आप कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं।  किसी साल अगर आप न्‍यूनतम निवेश नहीं करते हैं तो खाता ‘इनएक्टिव’ हो जाता है।  इस तरह के न्‍यूनतम और अधिकतम कॉन्ट्रिब्‍यूशन की बंदिशें वीपीएफ में नहीं हैं।

ब्याज दर

VPF खाते पर ब्याज की दर, जिसकी घोषणा सरकार द्वारा वार्षिक रूप से की जाती है, वह EPF पर मिलने वाली ब्याज दर के समान ही है। 2020-21 के लिए ब्याज की दर 8.5% है। वही PPF खाते पर सरकार हर तिमाही में छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को तय करती है। जुलाई-सितम्बर तिमाही के लिए PPF पर ब्याज की दर 7.1% है।

विदड्रावल

VPF: आप रिटायरमेंट के बाद या दो महीने से अधिक बेरोजगार रहने पर पूरी राशि निकाल सकते हैं। आप खास उद्देश्यों जैसे शादी, चिकित्सा आपातस्थितियों, घर का निर्माण या घर खरीदने के लिए भी लोन के रूप में आंशिक विदड्रावल कर सकते हैं। लेकिन, यहां पर यह नोट करना जरूरी है कि यदि आंशिक विदड्रावल को 5 वर्ष की आधार अवधि के पहले किया जाता है, तो संचित राशि पर टैक्स वसूला जाता है।

PPF: निवेशक 15 वर्ष की अवधि के पूरा होने पर कुल राशि को विदड्रा कर सकता है। आंशिक विदड्रावल की अनुमति केवल 6 वर्ष के पूरा होने के बाद ही दी जाती है। इसका अर्थ है कि आप 7वें वर्ष से आगे आंशिक विदड्रावल कर सकते हैं और आपको वित्तीय वर्ष में केवल एक बार ऐसा करने की अनुमति दी जाती है। तीन वर्ष के पूरा होने के बाद आप PPF निवेश के बदले में लोन ले सकते हैं। खाता धारक को समय से पहले विदड्रावल की अनुमति भी दी जाती है। लेकिन चौथे वर्ष की समाप्ति पर PPF में रखी। कुल राशि के 50% से अधिक राशि को नहीं निकाला जा सकता है। निकाली गई राशि पर कर लगाया जाता है।

आपके लिए कौन सी स्कीम बेहतर है?

PPF और VPF दोनों ही स्कीमें लौ रिस्क इन्वेस्टमेंट ऑप्शन  हैं और एश्योर्ड रिटर्न चाहने वाले निवेशकों के लिए बेहतर साबित होती हैं। दोनों में से किसी एक को चुनने का आपका निर्णय आपकी निवेश अवधि तथा रिटर्न की उम्मीदों पर निर्भर करता है। ऐसा कहने के बाद, यहां ये धतयां देना भी महत्वपूर्ण है कि VPF पर ब्याज की दर 8.5% है और PPF पर 7.1% है, लेकिन दोनों स्कीमों पर टैक्स के प्रावधान अलग-अलग हैं।

VPF में उच्च अंशदान और उच्च ब्याज से शीघ्रतापूर्वक काफी अधिक रिटायरमेंट फंड को जोड़ा जा सकता है। PPF पर रिटर्न की दर को हर तिमाही में तय किया जाता है। इसलिए, ब्याज दर में किसी भी बढ़ोतरी से आपके टैक्स फ्री रिटर्न में बढ़ोतरी होगी, और ब्याज में कमी से आपके रिटर्न कम हो जाएंगे। यदि आपके वित्तीय लक्ष्य 15-20 वर्ष की अवधि में आते हैं, जैसे आपके बच्चे की उच्च शिक्षा या शादी, तो निवेश के यह बहुत ही शानदार साधन है।

अगर आप रिटायरमेंट तक इस लिक्विडिटी को छोड़ने के लिए तैयार हैं तो बेशक सैलरीड कर्मचारियों के लिए वीपीएफ सबसे अच्‍छा विकल्‍प है।  नॉन-सैलरीड लोगों के लिए पीपीएफ आकर्षक बना हुआ है।  लेकिन, सिर्फ एक ही कमी है कि इसमें आप साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं।

दोस्तों, दोनों ही जगह निवेश करके इनकम टैक्स बचाया जा सकता है। इसके अलावा दोनों ही स्कीम की अपनी खासियत और कमियां हैं। अगर आप नौकरीपेशा है तो VPF में निवेश करना सही रहेगा क्योंकि यहां से आपको PPF की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलेगा। वहीं अगर आपका खुद का व्यवसाय है या आप अपने बेटे या बेटी के नाम पर निवेश करना चाहते हैं तो आप PPF में निवेश कर सकते हैं। दोस्तों उम्मीद करते है की दोनों ही स्कीम्स के फायदे और लिमिटेशन आपको समज आ गयी होगी।

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