कोरोनावायरस महामारी (COVID-19 Pandemic) के दौर में व्यक्ति को हर बचत का महत्व समझ में आ रहा है। खासकर ऐसे निवेशकों के लिए जो छोटी छोटी बचत करना पसंद करते है। उनके लिए सबसे जरूरी है कि वो ऐसी जगह पैसा लगाएं जहां एक निश्चित समय में गारंटीड रिटर्न मिले और कम से कम पैसे में ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिलेगा। अगर आप ऐसी सेविंग्स स्कीम की तलाश में हैं, जिसमें अच्छा रिटर्न भी मिले और वह टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट भी हो, साथ ही जोखिम भी बहुत कम हो, तो आपको सरकारी योजनाओं का रुख करना चाहिए। इनमें किए गए इन्वेस्टमेंट पर गारंटी के साथ अच्छा रिटर्न तो मिलता ही है, साथ ही आपका कोई रिस्क यानी जोखिम भी नहीं होता है। आज हम आपको ऐसी ही कुछ सरकारी योजनाओं के बारे में बता रहे हैं, जिनमें निवेश कर के आपको कई फायदे होंगे। रिटर्न भी मिलेगा, टैक्स में फायदा भी होगा और कोई रिस्क भी नहीं रहेगा।
तो चलिए शुरू करते है :
टैक्स बचत के लिए किया जाने वाला निवेश आपके पर्सनल फाइनेंस का हिस्सा होता है। कई लोग टैक्स बचाने के लिए साल के अंत में निवेश करते हैं। टैक्स बचत के लिए पहली गवर्नमंट स्कीम है :
1. सरकारी प्रतिभूतियां
- सरकारी प्रतिभूतियों में पैसा लगाने वाले निवेशकों को केंद्र या राज्य सरकार की तरफ से गारंटी मिलती है। लिहाजा इनके निवेश पर जोखिम पूरी तरह खत्म हो जाता है और बाजार के उतार-चढ़ाव से बेअसर रिटर्न भी मिलता है।
- सरकार अपने खर्च पूरे करने के लिए सिक्योरिटीज जारी कर भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई या बैंकों से कर्ज लेती है और बैंकों से सिक्योरिटीज इन्वेस्टर्स को भेजते हैं।
- अभी तक रिटेल इन्वेस्टर्स को सरकारी प्रतिभूतियों यानि गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में सीधे निवेश करने की इजाजत नहीं थी लेकिन आरबीआई ने गिल्ट अकाउंट के जरिए रिटेल इन्वेस्टर्स को गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में सीधे पैसे लगाने की अनुमति दे दी है। अभी इन सिक्योरिटीज पर अधिकतम 4.51 फीसदी का सालाना ब्याज मिल रहा है।
- गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में 91 दिन से लेकर 40 साल तक निवेश करने की सुविधा मिलती है। ऐसे में आपको बैंक एफडी की तुलना में 4 गुना ज्यादा समय तक निवेश की सुविधा मिलती है। अगर अभी 10 साल की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और एफडी पर रिटर्न की तुलना करें तो एफडी पर जहां 5.40 फीसदी का सालाना रिटर्न मिला। वहीं सिक्योरिटीज आपको 5.80 फीसदी का रिटर्न देंगी।
- इसके अलावा एफडी पर बैंक अधिकतम 5 लाख की ही गारंटी लेते हैं जबकि गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश की गई पूरी रकम पर सरकार की ओर से गारंटी मिलती है, इसका मतलब अगर कोई निवेशक 20, 30 या 40 साल के लिए सुरक्षित निवेश का विकल्प खोज रहा है, तो सिक्योरिटीज के रूप में एकमात्र उपाय मिलता है।
- निवेशकों को इन पर दो तरीके से रिटर्न मिलता है। एक तो सालाना ब्याज दर तय होती है। मसलन 10 साल के निवेश पर 5.80 प्रतिशत ब्याज हर साल मिलेगा। वही कुछ सिक्योरिटीज कूपन के साथ जारी होती है, यानी 100 रुपये की सेक्युरिटी अगर 4 रुपये के कूपन पर जारी हुई है तो आपको 96 रुपये की मिलेगी। लेकिन परिपक्वता पर बेचा तो 100 रुपये का ही भाव मिलेगा। इस तरह 4 प्रतिशत रिटर्न मिलेगा।
2. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत सरकार की तरफ से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) जारी करता है। रिजर्व बैंक की तरफ से ग्राम के हिसाब से गोल्ड बॉन्ड जारी होता है। निवेशक इसमें पैसा लगा सकते हैं और मैच्योरिटी के बाद उसे भुना सकते हैं।
ये हैं निवेश के फायदे
- इसमें सालाना 2.50 फीसदी के रिटर्न की गारंटी है।
- यह पूरी तरह सुरक्षित है और इसमें फिजिकल गोल्ड की तरह स्टोरेज का कोई झंझट नहीं है।
- इनकी एक्सचेंज में ट्रेडिंग की जा सकती है।
- फिजिकल गोल्ड की तरह, इनमें कोई जीएसटी या मेकिंग चार्ज नहीं लगता है।
- इन्हें लोन के लिए कोलेटरल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इन्हें रिडीम करने पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगता है।
- एसजीबी के हर आवेदन के साथ निवेशक के पास PAN होना जरूरी है।
- गोल्ड बॉन्ड को ऑनलाइन खरीद सकते हैं। इसके अलावा इसकी बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), चुनिंदा डाकघरों और एनएसई व बीएसई जैसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए भी खरीद सकते है । स्माल फायनेंस बैंक और पेमेंट बैंक में इनकी बिक्री नहीं होती है.
3. अटल पेंशन योजना
अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) में ना केवल आप कम राशि जमा करवाकर हर माह ज्यादा पेंशन (Pension) के हकदार हो सकते हैं, बल्कि असामयिक मृत्यु की दशा में अपने परिवार को भी इसका फायदा दिलवा सकते हैं। अटल पेंशन योजना का लाभ उठाने के वाले व्यक्ति की उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अटल पेंशन योजना के लिए आपको बहुत कम प्रीमियम देना होगा।
योजना के फायदे
1.इस स्कीम के तहत अगर निवेशक की मौत हो जाती हैं तो उसके नॉमनी को 50 फीसदी पेंशन मिलेगी।
2.इस स्कीम में अलग अलग उम्र और पेंशन स्लैब के हिसाब से उसे आंशिक योगदान करना होता है। अगर कोई 18 साल में इस स्कीम से जुड़ता है तो उसे 42 रुपए से लेकर 210 रुपए तक प्रति माह निवेश करना होता हैं। वहीं, यदि कोई 40 साल की उम्र में आवेदन करता है तो उसे 291 रुपए से लेकर 1,454 रुपए प्रतिमाह निवेश करना होता हैं। इसमें नियमित रूप से 60 वर्ष की आयु तक पैसा जमा करना होता
है।
3.60 साल होने पर हर महीने 1 हजार से लेकर 5 हजार रुपए तक पेंशन के रूप में मिलेंगे। सब्स्क्राइबर जितना ज्यादा पैसा जमा करेगा, उसे रिटायरमेंट के बाद उतनी ही ज्यादा पेंशन मिलेगी। योजना की खास बात यह हैकि इसमें आपको सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स में छूट भी मिलेगी।
4.अटल पेंशन योजना के तहत निवेशक मंथली, क्वाटरली या सेमी-एनुअल यानी 6 माह की अवधि में निवेश कर सकते हैं।
5.इसमें ऑटो-डेबिट की भी सुविधा मिलती है। यानी आपके अकाउंट से तय राशि अपने आप कट कर आपके पेंशन खाते में जमा हो जाएगी।
6. इसमें निवेश पर आपको आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है।
4. नेशनल पेंशन स्कीम
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। इसे 2009 में सभी कैटगरी के लोगों के लिए खोल दिया गया। कोई भी व्यक्ति अपने कामकाजी जीवन के दौरान पेंशन खाते में नियमित रूप से योगदान दे सकता है। इकठ्ठा हुई धन राशि के एक हिस्से को वह एक बार में निकाल भी सकता है और बची हुई राशि का इस्तेमाल रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्राप्त करने के लिए कर सकता है। व्यक्ति के निवेश और उस पर मिलने वाले रिटर्न से NPS खाता बढ़ता है। कोई भी भारतीय नागरिक रेजिडेंट या नॉन रेजिडेंट इस स्कीम में निवेश कर सकता है। इस स्कीम में 18-60 साल का व्यक्ति निवेश कर सकता है। सरकार ने NPS से अंतिम निकासी पर भुगतान की छूट की सीमा को 40 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया है। एनपीएस के तहत निवेश की गई रकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है, लेकिन इससे आपको मिलने वाली सालाना वृत्ति पर जरूर टैक्स लगता है।
5. सुकन्या समृद्धि योजना
बेटी के सुनहरे भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना एक बेहतर निवेश विकल्प है। इस योजना के अंतर्गत किया गया निवेश जहां एक ओर जोखिम रहित होता है वहीं दूसरी तरफ यह बेहतर रिटर्न भी देता है। इस योजना के तहत 10 साल से कम उम्र की बच्ची का खाता खुलवाया जा सकता है, जो कि पोस्ट ऑफिस या किसी भी बड़े बैंक में आसानी से खुल जाता है। वैसे तो स्कीम के अंतर्गत अधिकतम दो बच्चियों का ही खाता खुल सकता है, लेकिन कुछ विशेष मामलों में 3 बच्चियों का खाता भी स्कीम के तहत खुल सकता है। नए नियम के तहत सुकन्या एकाउंट गोद ली हुई बिटिया के नाम पर भी खुलावाया जा सकता है। सुकन्या समृद्धि खाते को मिनिमम 250 रुपये में खुलवाया जा सकता है और एक वित्त वर्ष में मिनिमम जमा 250 रुपये और मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये तय की गई है।
6. प्रधानमंत्री वय वंदना योजना
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना सीनियर सिटीजन के लिए उपलब्ध पेंशन स्कीम है। मासिक पेंशन का विकल्प चुनने पर वरिष्ठ नागिरकों को स्कीम में 10 साल तक एक तय दर से गारंटीशुदा पेंशन मिलती है। यह स्कीम डेथ बेनिफिट की भी पेशकश करती है। इसके तहत नॉमिनी को खरीद मूल्य वापस किया जाता है। पहले यह पॉलिसी बहुत कम अवधि के लिए खुली थी। फिर इसकी अवधि बढ़ाकर 31 मार्च, 2020 कर दी गई। अब इसे और तीन साल लिए बढ़ाकर 31 मार्च, 2023 कर दिया गया है। स्कीम में मिनिमम एंट्री एज 60 साल है। यानी 60 वर्ष या इससे अधिक के सीनियर सिटीजन इसमें निवेश कर सकते हैं। अधिकतम उम्र की सीमा नहीं है। एक व्यक्ति अधिकतम 15 लाख रुपये स्कीम में निवेश कर सकता है। पॉलिसी के तीन सालों के बाद पीएमवीवीवाई पर लोन सुविधा उपलब्ध है। अधिकतम लोन की रकम परचेज प्राइस का 75 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती है। मोदी सरकार की इस स्कीम का फायदा भारतीय जीवन बीमा निगम के जरिए उठाया जा सकता है। इसमें सालाना 7.40 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। यही वजह है कि अब तक करीब 6.28 लाख लोग इस स्कीम का लाभ ले भी चुके हैं।
7. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (National Savings Certificate) यानी एनएससी (NSC) एक ऐसा टूल है, जिसमें निवेश कर के आपका पैसा तो बढ़ता ही है, साथ ही आपको टैक्स में भी फायदा मिलता है। वहीं सरकार की तरफ से एनएससी में किए गए निवेश पर ब्याज भी काफी अच्छा मिलता है। इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि ये सरकारी स्कीम होती है, तो आपका निवेश एकदम सुरक्षित रहेगा। इसमें निवेश करने के लिए आप किसी भी पोस्ट ऑफिस में जाकर निवेश कर सकते हैं। इसका मैच्योरिटी का समय 5 साल का होता है और इसमें किए गए निवेश पर 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट भी पाई जा सकती है।
8. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan mantri Jeevan Jyoti Bima) एक टर्म इंश्योरेंस प्लान है। इसमें निवेश के बाद अगर व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को 2 लाख रुपये मिलते हैं। मोदी सरकार ने 9 मई 2015 को इस योजना की शुरुआत की थी। अगर आप चाहें तो इसमें पैसे लगाकर टैक्स का फायदा लेने के साथ-साथ अपने परिवार का ख्याल रख सकते हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) में बीमा खरीदने के लिए किसी मेडिकल जांच की जरूरत नहीं है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत टर्म प्लान लेने के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम उम्र 50 साल है। इस पॉलिसी की परिपक्वता (मैच्योरिटी) की उम्र 55 साल है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत टर्म प्लान को हर साल रिन्यू कराना पड़ता है। इसमें अश्योर्ड अमाउंट यानी बीमा की रकम 2,00,000 रुपये है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई)के लिए सालाना प्रीमियम 330 रुपये है। यह रकम आपके बैंक खाते से ईसीएस के जरिए ली जाती है। योजना की रकम में बैंक प्रशासनिक शुल्क लगाते हैं. इसके अलावा इस रकम पर जीएसटी भी लागू है।
पीएमजेजेबीवाई पॉलिसी किसी भी तारीख को खरीदी गयी हो, पहले साल के लिए उसका कवरेज अगले साल 31 मई तक ही होगा।
तो दोस्तों इन 8 गवर्नमेंट स्कीम्स में पैसा लगा कर आप बेहतर रिटर्न और सुरक्षित निवेश दोनों ही बेनिफिट्स उठा सकते है।
तो दोस्तों उम्मीद करते है की आज की जानकारी आपके काम ज़रूर आएगी।