दोस्तों, ज्यादातर इन्वेस्टर्स के लिए रिटायरमेंट का मतलब होता है रेगूलर इनकम का बंद हो जाना। अपने रिटायरमेंट कॉर्पस को समझदारी से निवेश करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना रिटायरमेंट के लिए बचत करना। यह आपको बिना किसी फाइनेंशियल प्रॉब्लम के आराम से अपने सुनहरे साल जीने में मदद करेगा।
घटते ब्याज दरों के इस दौर में रेगुलर इनकम के ऑप्शन बहुत कम हो गए हैं। बहुत से इन्वेस्टर अपनी कैपिटल पर नियमित आय के विकल्प ढूंढते रहते हैं। . पिछले कुछ समय से घटते ब्याज दरों वाले दौर में उन पर बहुत अधिक असर पड़ा है। इस समय जब देश के टॉप बैंक सीनियर सिटीजन को पांच-छह साल के फिक्स डिपॉजिट पर अधिकतम 6 फ़ीसदी का ब्याज दे रहे हैं, comparatively पोस्ट ऑफिस छोटी बचत योजना पर ब्याज दरें अधिक है।
दोस्तों वैसे तो सीनियर सिटीजंस के लिए बहुत सारी स्कीम्स हैं जिनमें निवेश कर वो अपने भविष्य और रिटायरमेंट को सुरक्षित कर सकते हैं साथ ही एक फिक्स पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन प्रॉब्लम तब होती है जब निवेश के कई ऑप्शंस में से उन्हे कोई एक ऑप्शन चुनना पड़ता है। अगर आप भी सीनियर सिटीजन हैं और करना चाहते है सुरक्षित निवेश तो हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे ही बेहतर निवेश के विकल्प के बारें में। तो चलिए दोस्तों शुरू करते है।
दोस्तों ब्याज दरो में कमी होने से इसका अच्छा खासा असर सीनियर सिटीजन पर पड़ता है। 60 साल की उम्र के बाद आमदनी का जरिया सीमित होता है। यदि आपको पेंशन से आय है तो आपको नियमित हर महीने पैसे मिलेंगे। इसके अलावा आपके किए गए निवेश पर रिटर्न आपको मिलेगा। इसके साथ ही सीनियर सिटीजन के लिए यह भी जरूरी है कि वह अपने जमा पूंजी का कहां निवेश करें कि उन्हें अच्छा रिटर्न मिले, पैसे भी सेफ रहे और टैक्स छूट का भी लाभ हो।
सरकार ने कई ऐसी योजनाओं को लॉन्च किया है जिसके जरिए सीनियर सिटीजन महंगाई दर को नजर में रखते हुए गारंटीड रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। जिनमें से सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS), प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) और पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम(POMIS)शामिल है। आज हम सीनियर सिटीजन के लिए निवेश के पांच ऐसे विकल्प बता रहे हैं जिससे उनकी मेहनत की कमाई पर अच्छी नियमित आय आती रहे :
1. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (एससीएसएस)
दोस्तों, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) सरकार समर्थित बचत स्कीम है। यह स्कीम भारत के 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए प्रारंभ की गई है। अगर कोई 55 साल या उससे ज्यादा का है लेकिन 60 साल से कम का है और VRS ले चुका है तो वह भी SCSS में अकाउंट खोल सकता है। लेकिन शर्त यह है कि उसे रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने के एक माह के अंदर यह अकाउंट खुलवाना होगा और इसमें डिपॉजिट किया जाने वाला अमाउंट रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अमांउट से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में 1000 रुपये के मल्टीपल में डिपॉजिट किया जा सकता है। इस स्कीम में एकाउंट ओपेन करने की तारीख से 5 साल के बाद जमा राशि mature होती है। इसके बाद यह अवधि एक बार 3 साल के लिए और बढाई जा सकती है। अप्रैल-जून 2021 के लिए इस स्कीम पर ब्याज़ दर 7.4 फीसदी निर्धारित की गई है। भारत में छोटी बचत योजनाओं में यह उच्चतम ब्याज़ दर है। इस स्कीम के लिए खाता सार्वजनिक/निजी क्षेत्र के बैंकों और भारत के डाकघरों में खोला जा सकता है। इस स्कीम में निवेश करने पर आयकर कानून 1961 की धारा 80 सी के तहत इनकम टैक्स में लाभ भी मिलता है। ससीएसएस में अधिकतम 15 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है।
2. डाकघर मंथली इनकम स्कीम (MIS)
सीनियर सिटीजन्स के लिए डाकघर की MIS भी एक अच्छा ऑप्शन हो सकती है। इसमें 1000 रुपये के मिनिमम अमाउंट से निवेश किया जा सकता है। सिंगल अकाउंट होल्डर के लिए निवेश की अधिकतम सीमा 4.5 लाख और ज्वॉइंट में 9 लाख रुपये है। इस पर मौजूदा ब्याज दर 6.6 फीसदी सालाना है।
इस ब्याज को मंथली बेसिस पर सेविंग्स अकाउंट में हासिल किया जा सकता है, जो एकमुश्त मंथली इनकम बन सकता है। किसी भी पोस्ट ऑफिस में कितने ही अकाउंट खुलवा सकते हैं लेकिन आप डाकघर मासिक आय योजना (पीओएमआईएस) में अपनी पत्नी या बच्चों के साथ ज्वाइंट अकाउंट खोलते हैं तो भी 9 लाख रुपये तक ही निवेश कर सकते हैं।
इस अकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का है। MIS अकाउंट को एक साल बाद प्रीमैच्योरली इनकैश करा सकते हैं। लेकिन अकाउंट खुलने के 3 साल पूरे होने से पहले प्रीमैच्योरली इनकैश कराने पर जमा में से 2 फीसदी कट जाएगा। वहीं 3 साल पूरे होने के बाद ऐसा करने पर 1 फीसदी कटेगा। POMIS खाते में निवेश करने पर जो भी ब्याज रिटर्न मिलता है उस पर टैक्स लगता है।
3. पीएम वय वंदन योजना (पीएमवीवीवाई)
पीएमवीवीवाई वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। पीएमवीवीवाई को संचालित करने के लिए एलआईसी पूरी तरह अधिकृत संस्था है। यह योजना एक नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग पेंशन स्कीम है। इस योजना में भारत सरकार ने सब्सिडी दी है।
प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (PMVVY) को वरिष्ठ नागरिकों के लिए ही चलाया जा रहा है। हाल ही में इसे 31 मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। पीएमवीवीवाई में अब अधिकतम 7.75 फीसदी ब्याज की सीमा तय कर दी गई है।
PMVVY वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक पेंशन स्कीम है। पेंशन का विकल्प चुनने पर वरिष्ठ नागिरकों को स्कीम में 10 साल तक एक तय दर से गारंटीशुदा पेंशन मिलती है। यह स्कीम डेथ बेनिफिट की भी पेशकश करती है। इसके तहत नॉमिनी को खरीद मूल्य वापस किया जाता है। पीएमवीवीवाई योजना के तहत अधिकतम 15 लाख रुपये ही निवेश किया जा सकता है। इसमें मंथली, तिमाही, छमाही और सालाना आधार पर पेंशन लेने की व्यवस्था है।
इस स्कीम में एकमुश्त पैसा लगाया जा सकता है। मौजूदा दरों के अनुसार, इस योजना में मिनिमम 1000 रुपये मंथली, 3000 रुपये तिमाही, 6000 रुपये छमाही और 12,000 रुपये सालाना पेंशन आएगी। पीएमवीवीवाई में 60 साल की उम्र पूरा कर चुका व्यक्ति निवेश कर सकता है। इसमें अधिकतम उम्र की सीमा नहीं है। इसके लिए आनलाइन और आफलाइन दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं।
इस स्कीम में प्रीमेच्योर विड्रॉल की भी सुविधा मिलती है खासकर जब स्कीम में निवेश किए व्यक्ति या उनके पति/पत्नी को किसी गंभीर बीमारी के लिए पैसों की जरुरत पड़ती है तो यह सुविधा मिलती है। इस स्कीम की खास बात है कि तीन साल बाद से लोन की भी सुविधा मिलती है और लोन की रकम पर्चेज प्राइस के 75 फीसदी से अधिक नहीं होती।
4. फ्लोटिंग रेट सेविंग बांड (एफआरएसबी)
दोस्तों , फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड 2020 में सीनियर सिटीजन 7 साल के लिए निवेश कर सकते हैं। हर 6 महीने में इस स्कीम में ब्याज दरें बदलती हैं और यह नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर दिए जाने वाले ब्याज दर के अलावा 35 बेसिस प्वाइंट जोड़कर दिया जाता है। 1 जनवरी और 1 जुलाई को साल में दो बार फ्लोटिंग रेट सेविंग बांड पर ब्याज दिया जाता है। इस समय एफआरएसबी में 7.15 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है। इस स्कीम के साथ एक दिक्कत वाली बात यह है कि निवेशक के हाथ में आने पर इसके ब्याज पर आपको टैक्स चुकाना पड़ता है। इस स्कीम में ऊपरी निवेश की कोई सीमा नहीं है।
5. बैंक फिक्स्ड डिपाजिट
दोस्तों फिक्स्ड इनकम चाहने वाले इन्वेस्टर्स के लिए बैंक फिक्स डिपाजिट हमेशा से एक लोकप्रिय विकल्प रहा है। पिछले कुछ वक्त में बैंक फिक्स डिपाजिट का अट्रैक्शन घटा है क्योंकि ब्याज दरों में लगातार कमी आ रही है। बैंक में फिक्स डिपॉजिट कर सीनियर सिटीजन अपने हाथ में आने वाली रकम की फ्रीक्वेंसी पहले से ही तय कर सकते हैं। वह मंथली विथड्रावल चाहते हैं या तिमाही, छमाही निकासी चाहते हैं या सालाना, यह सब पहले से तय किया जा सकता है। इस समय अधिकतर बैंक 5 से 10 साल की अवधि के लिए सीनियर सिटीजन को फिक्स डिपॉजिट पर छह फीसदी ब्याज देते हैं। कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक और कोऑपरेटिव बैंक सीनियर सिटीजन को फिक्स डिपॉजिट करने पर 7 फ़ीसदी से अधिक का ब्याज दे रहे हैं। और अगर आपने कोरोना का वक्सीनशन करा रखा है तो आप पब्लिक सेक्टर के बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की स्पेशल फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम का लाभ ले सकते है जिसमे वक्सीनेटेड सीनियर सिटीजन्स को एफडी पर 50 बेसिस प्वाइंट का अतिरिक्त ब्याज मिलेगा।
दोस्तों बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट कृते हुए ध्यान रखे की बैंक के मुकाबले पोस्ट ऑफिस यानी डाक घर में निवेश पूरी तरह सुरक्षित रहता है। बैंक के डिफॉल्ट होने की स्थिति में उसमें जमा 5 लाख रुपये तक ही बीमा गांरटी होती है। यह गारंटी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) बैंक ग्राहकों देता है। जबकि, डाक घर की बचत योजनाएं वित्त मंत्रालय के अंतर्गत संचालित हैं। इसलिए इनमें जमा पैसों पर सरकार की सॉवरेन गारंटी होती है। डाकघर की लघु बचत योजनाओं में जमा पैसों का इस्तेमाल भी सरकार करती है।
तो दोस्तों सभी निवेश के विकल्प को ध्यान समझ कर अपने जरुरत के हिसाब से निवेश करना चाहिए। निवेश से पहले स्कीम के लॉक-इन के समय को जरुर देख लें। आज हमने आपको निवेश के पांच ऐसे विकल्प बताये जिससे आपकी मेहनत की कमाई पर आपको अच्छी रेगुलर इनकम आती रहे।
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