PPF or NPS: Which one is better investment option | PPF or NPS कौन सा है बेहतर निवेश विकल्प

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दोस्तों आज के समय में जब मंहगाई बहुत बढ़ गयी है तो सेविंग और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। जब भी रिटायरमेंट के लिए सेविंग की बात आती है तो सबसे पहले हमारे दिमाग में आता है PPF। हालांकी आज के समय में NPS भी काफी फेमस हो रही है। जब से मोदी सरकार ने NPS को एक्स्ट्रा 50 हज़ार की टैक्स छूट दी है तब से नौकरीपेशा बन्दों में NPS को लेकर पॉपुलैरिटी बढ़ी है। अगर आपको PPF और NPS में से किसी एक स्कीम में निवेश करना हो तो आप किस स्कीम में निवेश करेंगे ? कौन सी स्कीम बेहतर है ? आप PPF में निवेश करेंगे या NPS में?

ये तय करने के लिए आपको दोनों ही स्कीम्स के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए ।

तो आज हम चर्चा करेंगे इन्ही दोनों स्कीम्स के बारे में और जानेगे की कौन सी स्कीम में निवेश करना आपके लिए बेहतर है । तो आइये शुरू करते है ।


दोस्तों पहले डिसकस करते है PPF यानि पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड स्कीम के बारे में।

PPF यानि पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड

PPF (पीपीएफ) एक सीधी सादी और बहुत फायदेमंद स्कीम है। पीपीएफ खाता खुलवाने वाला कभी पछताता नहीं है। हां इसका प्रचार ज्यादा इसलिए नहीं होता है क्योंकि इस स्कीम में एजेंट को कोई कमीशन नहीं मिलता है। पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड; भारत सरकार की ओर से अपने सिटीजन्स को उपलब्ध कराई गई ऐसी बचत योजना है जो ट्रिपल E केटेगरी ( E-E-E : Exempt -Exempt-Exempt) में रखी जाती है। यानी कि इसमें डिपाजिट किए गए पैसे पर शुरुआत से लेकर अंत तक, आपको कहीं भी, कभी भी कोई टैक्स नहीं अदा करना होगा।

PPF से जुड़ी सबसे अच्छी बात यह है कि इसे देश का कोई भी नागरिक खुलवा सकता है। चाहे आप सर्विसमैन हों, बिजनेसमैन हो या किसान, इसमें अपना अकाउंट खोल सकते हैं। यहां तक कि इसमें आयु का भी कोई बंधन नहीं है। आप अपने बच्चे या माइनर के लिए भी PPF अकाउंट खुलवा सकते हैं।आप अपने नाम सिर्फ एक PPF अकाउंट ही खुलवा सकते हैं। पहले से आपके नाम कोई PPF अकाउंट होने पर आप न तो अपने नाम और न ही किसी के साथ जॉइंट अकाउंट खोल सकते हैं। NRI पीपीएफ एकाउंट नहीं ओपन करा सकते।

दोस्तों आप पीपीएफ में न्यूनतम 500 रुपए या अधिकतम डेढ लाख रुपए, एक वित्त वर्ष के दौरान निवेश कर सकते हैं। अगर पीपीएफ किसी बच्चे या माइनर के नाम पर ओपन किया जा रहा है, तो भी उस माइनर और उसके गार्डियन के जॉइंट अकाउंट में डेढ लाख रुपए से अधिक निवेश नहीं किया जा सकता। आप अपने PPF अकाउंट में साल भर में ज्यादा से ज्यादा 12 बार ही पैसा डिपाजिट कर सकते हैं। आप एक महीने में दो बार भी पीपीएफ एकाउंट में डिपाजिट कर सकते हैं, लेकिन साल भर में 12 बार से अधिक नहीं होनी चाहिए।

PPF अकाउंट 15 वर्ष के लिए होता है। यानी आपको लगातार 15 वर्ष तक इसमें पैसे डिपाजिट करने होते हैं। इस अवधि के दौरान सामान्य स्थितियों में आप पैसा नहीं निकल कर सकते । हां, जमा राशि के आधार पर लोन जरूर ले सकते हैं। अकाउंट होल्डर की मौत होने पर या कुछ विशेष स्थितियों में यह पैसा निकासी कराया जा सकता है ।

15 वर्ष पूरे होने के बाद आप अपने PPF अकाउंट का कार्यकाल 5 साल के ब्लॉकों के आधार पर किसी भी अवधि के लिए बढ़वा सकते हैं। इस बढ़ी हुई अवधि के दौरान भी इन्वेस्टमेंट, टैक्स छूट और रेट ऑफ़ इंटरेस्ट आदि के नियम पहले की तरह लागू रहेंगे।

आप अपने PPF में जमा धनराशि के आधार पर बैंक या किसी वित्तीय संस्थान से लोन ले सकते हैं। ये आपको PPF पर मिल रहे ब्याज से सिर्फ 2% ज्यादा होगा।

आप अपने PPF अकाउंट में महीने की 1 से 5 तारीख के बीच में पैसा डिपाजिट कर दें। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक आपको 5 तारीख और महीने की आखिरी तारीख के बीच में जो न्यूनतम राशि आपके अकाउंट में होती है, उस पर उस महीने का ब्याज अदा करता है।अगर आप किसी एक पूरे वर्ष के दौरान अपने PPF अकाउंट में पैसा नहीं जमा करते हैं, तो आपका अकाउंट सस्पेंड हो जाएगा। हालांकि, अगले साल अगर आप पिछले साल की न्यूनतम जमायोग्य राशि 500 रुपए और साथ में 50 रुपए का एरियर जमा कर देते हैं तो आपका अकाउंट फिर से चालू हो जाएगा।

सामान्य स्थितियों मे 15 साल की परिपक्वता के पहले आप PPF अकाउंट बंद नहीं कर सकते। लेकिन इमरजेंसी में इसे बंद करने की सुविधा आपको मिल सकती है। 18 जून 2016 को एक नोटिफिकेशन के माध्यम से भारत सरकार ने इमरजेंसी में पीपीएफ एकाउंट से असामयिक निकासी को आसान बना दिया है। नए नियमों के मुताबिक आप इन स्थितियों में असामयिक निकासी कर सकते हैं:

आइये दोस्तों अब जानते है की NPS क्या है:

नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme)

एनपीएस (NPS) का मतलब है नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme). एनपीएस एक पेंशन योजना है| जैसा की किसी भी पेंशन योजना में होता है, आप इस योजना में अपने रिटायरमेंट के लिए निवेश करते हैं|आपके निवेश और उस पर मिलने वाले रिटर्न से आपका एनपीएस खाता धीरे-धीरे बड़ा होता जाता है| रिटायर होने के बाद आपको पेंशन मिलती है| रिटायर होने से मेरा मतलब 60 वर्ष की आयु का होना या फिर आपके एम्प्लायर की superannuation (रिटायरमेंट आयु) हासिल करना |रिटायर होने पर या 60 वर्ष की आयु के होने पर आप अपना खाता बंद कर सकते हैं| खाता बंद करते समय आप कुछ पैसा एक मुश्त निकाल सकते हैं| बचे हुए पैसे से आपको एक (annuity plan) खरीदना होगा|

आपको कम-से-कम 40% जमा राशि से एक वार्षिकी (annuity plan) खरीदना होगा|

Annuity प्लान (वार्षिकी) क्या होती है?

एक वार्षिकी के तहत आप एक बीमा कंपनी को एक (lumpsom) लम्पसम अमाउंट में पैसा देते हैं और इसके बदले आपको पूरी ज़िन्दगी पेंशन मिलती रहती है|

मान लीजिये आपके पास 10 लाख रुपये हैं| और उस समय एन्युटी का इंटरेस्ट रेट 6% चल रहा है|

तो बीमा कंपनी आपसे 10 लाख रुपये लेकर आपको आजीवन हर वर्ष 60,000 (10 लाख X 6%) रुपये देगी| अगर आप मासिक आय का विकल्प चुनते हैं, तो आपको हर महीने 5,000 रूपये मिलेंगे|

अब चाहें आप 100 वर्ष की आयु तक जियें या 150 वर्ष के आयु तक, आपको हर महीने 5,000 रुपये मिलते रहेंगे|

दोस्तों, वार्षिकी या एन्युटी प्लान कई स्वरुप में आते हैं| जैसे की आप चाहें तो आपके बाद आपके पति या पत्नी को भी पेंशन जारी रह सकती है| आप अपनी ज़रुरत के अनुसार विकल्प चुन सकते हैं|

एनपीएस खाता खोलने के कई तरीके हैं| आप किस तरीके से खाता खोलते हैं, उस बात से तय होता है, की आप कैसे एनपीएस के तहत आते हैं|

  1. Central Government (केन्द्रीय सरकार): केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए
  2. State Government (राज्य सरकार): राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए
  3. Corporate Sector: निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए
  4. All Citizens Model: अगर आप खुद अपने लिए NPS account खोलते हैं

ध्यान रखिये एनपीएस खाता पूरी तरह पोर्टेबल है| इसका मतलब, बशर्ते आपने खाता केंद्रीय सरकार एनपीएस के तहत खोला हो, आप नौकरी छोड़ने या बदलने पर अपना एनपीएस दूसरे सेक्टर में बदल सकते हैं|

एनपीएस के अंतर्गत दो तरह के खाते होते हैं, टियर-1 और टियर-2। अगर कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़ दें तो टियर-1 खाते के अंतर्गत जमा राशि को 60 वर्ष की उम्र से पहले नहीं निकाला जा सकता है, जबकि टियर-2 खाता एक वॉलिंटरी सेविंग अकाउंट होता है। टियर-2 के खाताधारक जब भी चाहें इसमें जमा पैसे को निकाल सकते हैं।टियर 1 योजना सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए है. कर्मचारी हर महीने एनपीएस खाते में अर्जित महंगाई वेतन, मूल वेतन और महंगाई भत्ता का 10 फीसदी योगदान देता है. सरकार भी खाते में एक सामान राशि का योगदान देती है. टियर 2 योजना के लिए प्रत्येक व्यक्ति इस पेंशन योजना के तहत खाता खोल सकता है और इसमें योगदान कर सकता है. हालांकि, उन्हें सरकार से अतिरिक्त योगदान नहीं मिलेगा.

तो दोस्तों अभी तक हमने डिसकस किया की ppf और NPS है क्या।।आइये अब जानते है की PPF और NPS में कौन सी स्कीम आपके लिए बेस्ट है और दोनों में क्या डिफरेंस है:

प्रमुख विशेषताएं
PPF NPS
कौन कौन निवेश कर सकता है ? किसी भी भारतीय नागरिक  द्वारा एक PPF खाता खोला जा सकता है | 18 साल के कम उम्र के लोग भी खाता खोल सकते हैं | किसी भी भारतीय नागरिक  द्वारा एक NPS खाता खोला जा सकता है | एक NPS खाता  18 वर्ष से लेकर 60 से कम लोगों द्वारा ही खोला जा सकता है |  
क्या NRI इस स्कीम में खाता खुलवा सकते है ? नहीं हां
परिपक्वता अवधि PPF अकाउंट की परिपक्वता अवधि 15 साल  है और अकाउंट परिपक्वा होने के बाद ग्राहक पांच बार के ब्लॉक्स में विस्तार कर सकता है |NPS के लिए समय अवधि तय नहीं है. एक जमाकर्ता NPS खाते में 65 वर्ष होने तक योगदान दे सकता है. खाते में निवेश करने के विकल्प के साथ इसे 70 वर्ष तक के लिए बढ़ाया जा सकता है |
निवेश सीमा एक PPF अकाउंट होल्डर सालाना कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. PPF खातों में सालाना अधिकतम 12 बार डिपाजिट कर सकते हैं | NPS के लिए, न्यूनतम योगदान 1,000
रुपये है. योगदान के लिए कोई अधिकतम सीमा नहीं है, लेकिन यह जमाकर्ता के वेतन का 10 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है |
टैक्स छूट PPF एक EEE या ‘Exempt, Exempt, Exempt’ स्थिति का आनंद लेता है, जहां आप योगदान राशि (1.5 लाख रुपये तक), आपको मिलने वाली वापसी और Maturity Amount, सभी टैक्स फ्री हैं |   NPS के अंतर्गत 1.5 लाख रुपए तक की राशि आयकर की धारा 80सीसीडी (1) के अंतर्गत छूट के दायरे में आती है और 50,000 रुपए की अतिरिक्त कटौती 80सीसीडी (2) के अंतर्गत मिलती है। इस हिसाब से कुल कटौती 2 लाख की होती है।

समयपूर्व निकासी / आंशिक निकासी
पीपीएफ के मामले में आंशिक निकाशी कर सकते है, हालांकि यह सुविधा कुछ लिमिटेशंस के बाद 7 वें साल के बाद मिलती है। कोई भी अपने पीपीएफ खाते के एवज में कुछ सीमाओं के साथ खाता खोलने के तीसरे और छठे वित्तीय वर्षों के दौरान ऋण (लोन) का लाभ ले सकता है। एनपीएस के मामले में सब्सक्राइबर्स 10 साल की अवधि के बाद ही समयपूर्व निकासी या आंशिक निकासी करा सकता हैं। हालांकि यह पर भी कुछ परिस्थितियां लागू होती हैं। जैसे कि बच्चों की पढ़ाई, उनकी शादी, घर का निर्माण एवं नए घर की खरीद और खुद एवं बच्चों और आश्रितों के इलाज के लिए।
निवेश विकल्प PPF में आप तय नहीं कर सकते की आपका पैसा कहाँ इन्वेस्ट होगा | NPS में आप तय कर सकते है की आपका पैसा इक्विटी फंड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज फण्ड और फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स और अन्य सरकारी सिक्योरिटीज में से किस में निवेश हो |
निवेश रिटर्न्स पीपीएफ सब्सक्राइबर्स के लिए ब्याज की घोषणा सरकार की ओर से हर तिमाही पर की जाती है। एनपीएस खाते में रिटर्न सीधे तौर पर बाजार से संबंधित होता है। एनपीएस जैसे बाजार से संबंधित निवेश में रिटर्न की संभावना पीपीएफ/ पीएफ जैसे गारंटीशुदा रिटर्न टूल की तुलना में अधिक होता है |  
एन्युटी पीपीएफ में कोई एन्युटी नहीं लेनी होती | NPS में आपको maturity पर 40% अमाउंट का एक एन्युटी प्लान खरीदना होता है ।

तो दोस्तों उम्मीद करते है की अब तक तो आपने तय कर ही लिया होगा की आपको अपना पैसा कहाँ इन्वेस्ट करना है PPF में या NPS |


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धन्यवाद |

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