पीएम कुसुम योजना-2020 : किसान 90% डिस्काउंट पर लगवाएं सोलर पैनल, लाखों में करे कमाई 25 साल तक

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दोस्तों अगर आप सोलर एनर्जी से जुड़ा कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो फिर सरकार की पीएम कुसुम योजना के साथ जुड़ कर शुरू कर सकते है।  केंद्र सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का है।  जिसके चलते केंद्र सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।  इन्हीं में से एक योजना है पीएम कुसुम योजना।  पीएम कुसुम योजना को साल 2019 में शुरू किया गयाा, जिसके बाद बजट 2020 में वित्त मंत्री ने इस योजना का विस्तार किया है।

इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल मिलते हैं, जिससे वे बिजली बना सकते हैं।  जरूरत भर बिजली का इस्तेमाल करके वे बाकी को बेच कर एक्स्ट्रा इनकम भी कमा सकते हैं।  इस योजना के तहत 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद की जाएगी।  15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन मुहैया कराया जाएगा।  इस योजना पर सरकार ने 34,422 करोड़ रुपए खर्च करने का एलान किया है।  आज हम इसी योजना के बारे में बात करेंगे।  तो चलिए दोस्तों शुरू करते है :

दोस्तों पी ऍम कुसुम योजना के जरिए बिजली या डीजल से चलने वाले सिंचाई पंप को सोलर एनर्जी से चलने वाले पंप में बदला जाएगा।  सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल किसान पहले अपने सिंचाई के काम में करेंगे।  फिर उसके बाद जो बिजली अतिरिक्त बचेगी, उसे विद्युत वितरण कंपनी (DISCOM) को बेचकर 25 साल तक आमदनी कर सकते हैं।  इसका एक और फायदा है कि सौर एनर्जी से डीजल और बिजली के खर्च से भी राहत मिलेगी और प्रदूषण भी कम होगा।  सोलर पैनल 25 साल तक चलेगा और इसका रखरखाव भी आसान है।  इससे जमीन के मालिक या किसान को हर साल प्रति एकड़ 60 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक आमदनी अगले 25 साल तक हो सकती है।

आइये दोस्तों सबसे पहले जानते है PM कुसुम योजना का उद्देश्य

दोस्तों, कुसुम योजना के तहत किसानों, पंचायत, सहकारी समितियों का समूह सोलर पंप लगाने के लिए आवेदन कर सकता है। इस योजना में शामिल कुल लागत को तीन श्रेणियों में बाँटा जाता है जिसमें सरकार किसानों की मदद करेगी। सरकार किसानों को 60% की सब्सिडी प्रदान करेगी और लागत का 30% लोन के रूप में सरकार द्वारा दिया जाएगा। किसानों को केवल प्रोजेक्ट की कुल लागत का 10% देना होगा। सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली को किसान बेच सकते हैं। बिजली बेचने के बाद प्राप्त धन का उपयोग नए बिज़नेस को शुरू करने के लिए किया जा सकता है।

PM-कुसुम योजना के तीन भाग

भाग A

  • इस योजना के तहत, श्रमिक 10,000 मेगावाट विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना करेंगे, जो बंजर भूमि पर ग्रिड से जुड़े हैं
  • ये ग्रिड किसानों, सहकारी समितियों, किसानों के समूह, पंचायतों, जल उपयोगकर्ता संघों (WUA) और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) द्वारा स्थापित किए जाएंगे
  • बिजली परियोजनाओं को उप-स्टेशन के 5 किलोमीटर के दायरे में सेटअप किया जाएगा

भाग B

  • इस योजना के तहत, किसानों को सौर कृषि पंप स्थापित करने के लिए 17.50 लाख रु. का फण्ड दिया जाएगा
  • मौजूदा डीज़ल कृषि पंपों को बदलने  के लिए पंपों की क्षमता 7.5 एचपी तक होगी
  • क्षमता 7.5 एचपी से अधिक हो सकती है लेकिन आर्थिक सहायता केवल 7.5 एचपी की क्षमता के लिए प्रदान की जाएगी

भाग C

  • यह योजना 10 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों के सोलराइज़ेशन के लिए है और अलग-अलग किसानों को ग्रिड पंप के लिए सोलराइज़ पंपों के लिए फण्ड दिया जाएगा
  • पूर्व निर्धारित टैरिफ पर भारत की वितरण कंपनियों (DISCOMs) को अतिरिक्त सौर ऊर्जा बेची जाएगी
  • उत्पादित सौर ऊर्जा का उपयोग करके किसान की सिंचाई की ज़रूरतों को पूरा किया जाएगा

आइये अब जानते है कितनी आएगी लागत :

दोस्तों इस योजना के तहत किसानों को अपनी जमीन पर सोलर पैनल स्थापित करने के लिए केवल 10 फीसदी रकम का भुगतान करना होता है।  केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को बैंक खाते में 60 फीसदी सब्सिडी की रकम देती है।

इसमें केंद्र और राज्यों की ओर से बराबर का योगदान देने का प्रावधान है।  वहीं बैंक की ओर से 30 फीसदी लोन का प्रावधान है।  इस लोन को किसान अपनी होने वाली आमदनी से आसानी से भर सकते हैं।

आइये अब जानते है की इस योजना के लिए कैसे करें आवेदन

पीएम कुसुम योजना के तहत आवेदन के लिए सरकारी वेबसाइट https://mnre.gov.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।  इसके लिए आधार कार्ड, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और बैंक खाते की जानकारी देनी होगी।  सोलर प्लांट लगवाने के लिए जमीन विद्युत सब-स्टेशन से 5 किलोमीटर तक दायरे में होनी चाहिए।  किसान सोलर प्लांट खुद या डेवलपर को जमीन पट्टे पर देकर लगवा सकते हैं।

दोस्तों केंद्र सरकार की प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (प्रधानमंत्री-कुसुम) योजना के नाम पर धोखाधड़ी की खबरें आई हैं।  इस योजना को लेकर कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे हैं और जरूरतमंदों से गलत तरीके से पैसे जुटा रहे हैं।  असल में कुछ जालसाजों ने योजना के नाम पर फर्जी वेबसाइट बना ली है और पीएम-कुसुम योजना के लिए पंजीकरण पोर्टल होने का दावा किया है।  ऐसी वेबसाइट आम जनता को धोखा दे रही हैं और फर्जी पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से उनसे रुपये तथा जानकारी जुटा रही हैं।  आम जनता को किसी भी नुकसान से बचने के लिए, MNRE ने  लाभार्थियों और आम जनता को ऐसी किसी भी वेबसाइटों पर रजिस्ट्रेशन फी नहीं जमा करने और अपनी जानकारी साझा करने से सतर्क रहने की सलाह दी थी।

दोस्तों, पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उन्हें सिंचाई के लिए फ्री बिजली मिलेगी।  इस योजना से किसानों की डीजल और केरोसिन तेल पर निर्भरता घटेगी।  दूसरा फायदा यह है कि इससे पैदा होने वाली अतिरिक्त बिजली को वे किसी कंपनी को बेच सकेंगे।  इस योजना से किसान सौर ऊर्जा उत्पादन करने और उसे ग्रिड को बेचने में सक्षम होंगे।  यानी उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।

और दोस्तों इस योजना की कोई जानकारी आप इसकी ओफ्फिकल वेबसाइट से ही ले।  https://mnre.gov.in/ आप डायरेक्ट वह क्लिक करके देख सकते है। तो दोस्तों उम्मीद करते है की अगर आप किसान है तो आप इस योजना का लाभ ज़रूर उठाएंगे। 

दोस्तों, उम्मीद करते है की आपको हमारा आज का आर्टिकल अच्छा लगा होगा।  हमारा आर्टिकल आपको कैसा लगा ये हमें नीचे कमेंट करके ज़रूर बताएगा।  और इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शेयर कीजियेगा ।  धन्यवाद् !