दोस्तों बैंक की FD इन्वेस्टमेंट का एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है और कुछ समय बाद FD एक निश्चित रिटर्न भी देता है। इसमें रिस्क बहुत कम होता है। जिस तरह भारत का कोई नागरिक एफडी में निवेश करता है, उसी तरह कोई नॉन रेजिडेंट इंडियन (NRI) भारत में NRE (Non-Resident External accounts) या NRO (NRO Non-Resident Ordainary account) खोल सकता है। भारत में NRI सेविंग्स अकाउंट नहीं खोल सकते हैं, इसलिये ये अकाउंट एक अच्छा ऑप्शन है। अब आप सोच रहे होंगे की एक NRI जो फॉरेन करेंसी में पैसा कमाता है वो इंडिया में आके FD क्यों ओपन करेगा ?
दोस्तों इसकी कई वजह हो सकती है। हो सकती है जो NRI है वो जॉब पर्पस से बाहर गया हो और कुछ सालो बाद उसका वापिस इंडिया आके यही सेटल होने का प्लान हो। और दूसरा जो सबसे अहम् पॉइंट है वो ये की इंडिया के बैंक बहार के देशो में मिलने वाले इंटेरेट्स से ज्यादा इंटरेस्ट ऑफर करते है। दोस्तों जितने भी डेवलप्ड कंट्री है वहा के बैंक बहुत काम इंटरेस्ट रेट ऑफर करते है। और इंडिया के बैंक उनके मुकाबले ज्यादा इंटेरेट्स ऑफर करते है। इस वजह से भी NRI अपने देश में निवेश करना पसंद करते है। और देशभक्ति की भावना तो होती ही है वो भी अहम् रोले प्ले करती है।
तो दोस्तों एक NRI अगर अपना पैसे की FD इंडिया में करवाना चाहता है तो उसके पास ये तीन ऑप्शन होते है :
- NRE FD Account-Non-Resident External Account
2. NRO FD Account-Non-Resident Ordinary account
3. FCNR FD Account-Foreign Currency Non-Resident account
इन तीनों ही अकाउंट के पर्पस और फीचर्स अलग-अलग होते हैं। आज हम जानेंगे कि एक एनआरआई के लिए कौन सा अकाउंट बेहतर है और किस पर्पस के लिए उसे कौन सा अकाउंट खुलवाना चाहिए ? साथ ही साथ इन तीनों अकाउंट का एक कॉपरेटिव एनालिसिस भी करेंगे।और जानेगे की कोनसा अकाउंट किस के लिए बेहतर है ? तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं:
आइए दोस्तों सबसे पहले बात करते है NRE FD अकाउंट के बारे में NRE की फुल फॉर्म है non-resident एक्सटर्नल अकाउंट। ये अकाउंट सेविंग हो सकते हैं करंट अकाउंट भी हो सकते हैं और फिक्स डिपाजिट अकाउंट भी हो सकते हैं।
NRE FD में कोई NRI विदेश में कमाए हुए अपने पैसे को भारतीय अकाउंट में रख सकता है और इस पैसे को रुपये में बदल सकता है। इसमें आपके पैसे पर मिलने वाली ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता। इसमें जमा की गई प्रिंसिपल अमाउंट और ब्याज दोनों को आप पूरी तरह अपने देश में भेज सकते हैं। इसमें आप किसी भारतीय नागरिक के साथ ज्वॉइंट अकाउंट नहीं खोल सकते।
आप इसमें अपनी डिपॉजिट की गई राशि के 90 फीसदी तक पर लोन ले सकते हैं। इसमें कम से कम 25,000 रुपये तक डिपॉजिट कर सकते हैं। इसमें मैच्योरिटी होने पर आपके प्रिंसिपल अमाउंट और डिपॉजिट पर ऑटोमेटिक रिन्युअल मिलेगा।
दूसरा जो अकाउंट ऑप्शन आता है वह है NRO FD अकाउंट। NRO की फुल फॉर्म है non-resident ऑर्डिनरी अकाउंट। NRO अकाउंट कोई भी NRI भारत में कमाए हुए पैसे को जमा करने के लिए रख सकता है। यह इनकम किराया, पेंशन या कोई दूसरी इनकम हो सकती है। NRO फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा राशि पर भारतीय कानून के मुताबिक टैक्स लगता है। इस अकाउंट से कमाए गए ब्याज पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत लगभग 30 फीसदी टैक्स मिलता है।
यह घरेलू FD पर लगने वाले टैक्स रेट के मुकाबले ज्यादा है। इस अकाउंट की प्रिंसिपल अमाउंट को आप अपने देश में नहीं भेज सकते। इस अकाउंट में कमाए गए ब्याज को ही अपने देश में भेजा सकता है। इस अकाउंट को आप किसी भारतीय के साथ ज्वॉइंट भी खोल सकते हैं। इसमें जमा की गई राशि की 90 फीसदी राशि पर लोन लिया जा सकता है। इसमें कम से कम 25,000 रुपये तक डिपॉजिट करने हैं। इसमें 7 दिन से 10 साल की समयावधि के लिए खोला जा सकता है।
आप जो तीसरा अकाउंट ऑप्शन आता है वह आता है FCNR। एफसीएनआर की फुल फॉर्म है फॉरेन करेंसी non-resident अकाउंट। एफसीएनआर अकाउंट उन् NRI के लिए है जो अपनी फॉरेन अर्निंग्स को इंडिया के बैंक में इन्वेस्ट करना चाहते हैं लेकिन उसका कन्वर्जन नहीं चाहते। यानी कि वह अपनी फॉरेन अर्निंग्स को फॉरेन करेंसी में ही इन्वेस्ट करना चाहते हैं। FCNR में इंडियन बैंक में जिस करेंसी में पैसा जमा किया जाता है उसी करेंसी में NRI उस पैसे को विथड्रॉ भी कर सकता है। तो इस ऑप्शन में कोई करेंसी कन्वर्शन नहीं होता तो कोई कन्वर्शन कॉस्ट भी नहीं देनी होती। इस अकाउंट पर जो इंटरेस्ट मिलता है वह इंटरेस्ट इंडिया में टैक्सेबल नहीं होता यानी कि उस पर आप को कोई टैक्स नहीं देना होता। आरबीआई के नियमों के हिसाब से FCNR डिपॉजिट पूरी तरीके से रिपेट्रायबल यानी ट्रांसफरेबल है।
दोस्तों यह हमने आपको तीनों अकाउंट के बारे में बता दिया आइए अब एक बार इन तीनों अकाउंट का एक कंपैरेटिव एनालिसिस देख लेते हैं:
Particulars/Type Account | NRE | NRO | FCNR |
Full Form | Non-Resident External Account | Non-Resident Ordinary Account | Foreign Currency Non-Resident Account |
Deposit Currency | Foreign currency | Indian Rupee (INR) | Foreign Currency |
Withdrawal Currency | Indian Rupee | Indian Rupee | Foreign Currency |
Exchange Rate Risk | Open to risk due to fluctuating foreign exchange rate | No foreign exchange risk involved | No foreign exchange risk involved |
Taxable in India | Not taxable in India | Taxable in India (at 30%) | Not Taxable in India |
Repatriability (Transferability) | Fully and freely repatriable | Interest is repatriable; transfer of principal amount comes with certain set limits | Fully and freely repatriable |
तो दोस्तों यह हमने कंपैरेटिव एनालिसिस देखा NRE, एनआरओ और एफसीएनआर डिपॉजिट अकाउंट का। अब बात आती है कि इन तीनों अकाउंट्स जो एक दूसरे से अलग है इन तीनों अकाउंट में से non-resident के लिए कौन सा अकाउंट बेहतर है?
दोस्तों NREअकाउंट उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है जो अपनी फॉरेन इनकम को इंडिया में इन्वेस्ट करना चाहते हैं और उसका इस्तेमाल करना चाहते हैं इंडिया के खर्चों को मैनेज करने के लिए। वही FCNR उन लोगों के लिए एक बेहतर ऑप्शन है जो अपने पैसे को फॉरेन करंसी में ही इन्वेस्ट करना चाहते हैं और फॉरेन करंसी में ही withdraw करना चाहते हैं। जहां तक बात आती है एनआरओ फिक्स डिपाजिट की तो यह उन लोगों के लिए सूटेबल है जिनके पास इंडियन इनकम है। और वह अपनी उस इनकम को अपने उस पैसे को एनआरओ अकाउंट में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
तो दोस्तों यहां पर यह कहना बहुत मुश्किल है कि कौन सा डिपॉजिट अकाउंट बेहतर है। हर अकाउंट के अपने फीचर है और अलग-अलग पर्पस है। तो जिस भी पर्पस के लिए किसी एन आर आई को अकाउंट खुलवाने की जरूरत पड़ती है उस परपज के आधार पर ही तय होगा कि कौन सा अकाउंट उसके लिए बेहतर है।
तो दोस्तों उम्मीद करते हैं कि अब आपको NRE अकाउंट, एनआरओ अकाउंट और एफसीएनआर अकाउंट का कंसेप्ट पूरी तरीके से क्लियर हो गया होगा।
तो दोस्तों उम्मीद करते है की आपको हमारा आज का आर्टिकल अच्छा लगा होगा। हमारा आर्टिकल आपको कैसा लगा ये हमें नीचे कमेंट करके ज़रूर बताएगा। और हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शेयर कीजियेगा। धन्यवाद !