Income Tax Rates 2020 | Budget 2020 |एक नौकरीपेशा को कितना होगा नुकसान नए रेट्स से टैक्स देने पर ?

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दोस्तों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इनकम टैक्स की दरों में बड़ा बदलाव किया है। उनका कहना है की इस तरह उन्होंने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। लेकिन क्या ये सच है ? क्या सच में इनकम टैक्स की नयी दरों से मध्यम वर्ग को कोई लाभ होने वाला या फिर इससे आपको नुकसान होने वाला है । दोस्तों ध्यान रखिये कि आयकर की नई दरों का फायदा आपको तभी मिलेगा, जब आप किसी तरह के डिडक्शन और टैक्स छूट का फायदा नहीं लेंगे। जो करदाता डिडक्शन और टैक्स छूट का लाभ चाहते हैं वे टैक्स की पुरानी व्यवस्था में बने रह सकते हैं।

दोस्तों इस वीकेंड पर हम में से ज्यादातर लोग इनकम टैक्स का हिसाब लगा रहे थे। आप भी ज़रूर अपनी सालाना आमदनी के हिसाब से यह चेक कर रहे होंगे कि क्या आपको बजट में घोषित नए आयकर सिस्टम में शामिल होना चाहिए? बहुत से लोगों के लिए आयकर कानून का सेक्शन 80C चिंता का सबब बन गया है क्योंकि नए आयकर सिस्टम में इसमें मिलने वाला डिडक्शन शामिल नहीं है।

दोस्तों आज हम इसी बारे में बात करेंगे । और एक प्रैक्टिकल उदाहरण से समज़ने कि कोशिश करेंगे कि अगर आप 10 लाख कि सैलरी पाते है तो आपको नया टैक्स सिस्टम अपनाना चाहिए या पुराने वाले के हिसाब से टैक्स देने में आपकी भलाई है । आइए जानते हैं :

दोस्तों बजट 2020 में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था को चुनने का विकल्‍प दिया है। ये अलग बात है कि आप इसे तभी चुन सकते है जब आप एक्‍जेम्‍प्‍शन/डिडक्‍शन का फायदा ना ले । वहीं, अगर आप इन टैक्‍स छूट का फायदा लेते हैं तो आप मौजूद रेट से इनकम टैक्‍स दे सकते है । लाजिमी है कि अगर आप ज्‍यादा एक्‍जेम्‍प्‍शन/डिडक्‍शन क्‍लेम करते हैं तो नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था का फायदा भी उतना ही कम होगा। इस तरह नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था अलग-अलग मामले में अलग-अलग तरह से फायदेमंद साबित होगी। 

आपके लिए कौन सी टैक्स व्यवस्था बेहतर होंगी ये जानने से पहले आइये जानते है कि नयी इनकम टैक्स कि दरें कौनसी है :

आय पुरानी दर पुरानी दर
2.5 लाख रुपये तक 0 0
2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये 5 % 5%
5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये 10% 20%
7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये 15% 20%
10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये 20% 30%
12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये 25% 30%
15 लाख रुपये से ज्यादा 30% 30%

बजट में तीन टैक्‍स स्‍लैब जोड़े गए हैं। इनसे टैक्‍स स्‍ट्रक्‍चर में जटिलता बढ़ गई है। टैक्‍स एग्‍जेम्‍प्‍शन और डिडक्‍शन खत्‍म किए जाने से कम्‍लायंस कम मुश्किल हुआ है। लेकिन, टैक्‍स डिडक्‍शन बढ़ाने के लिए खूब टैक्‍स प्‍लानिंग करने वालों को नई व्‍यवस्‍था में ज्‍यादा टैक्‍स देना पड़ सकता है।

दोस्तों सेक्शन 87ए  के तहत मिलने वाली 12500 कि रिबेट नए टैक्स रेजिमे में भी मिलेगी । जिससे 5 लाख तक आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा ।

आइये सबसे पहले जानते है नए टैक्स सिस्टम में कौन कौन सी डिडक्शन्स नहीं मिलेंगी :

नई व्‍यवस्‍था में करीब 70 एग्‍जेम्‍प्‍शन और डिडक्‍शन से हाथ धोना पड़ेगा

-सेक्‍शन 80सी इनवेस्‍टमेंट

-हाउस रेंट अलाउंस

-हाउसिंग लोन इंटरेस्‍ट

-लीव ट्रैवल अलाउंस

-मेडिकल इंश्‍योरेंस प्रीमियम

-स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन

-सेविंग बैंक इंटरेस्‍ट

-एजुकेशन लोन इंटरेस्‍ट

आइये अब जानते है उन डिडक्शन्स के बारे में जो नए टैक्स सिस्टम में भी मिलेंगी:

दोस्तों  करीब 50 टैक्‍स एग्‍जेम्‍प्‍शन को नहीं छुआ गया है. इनमें शामिल हैं:

-किराये पर स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन

-कृषि आय

-जीवन बीमा से आय

-वीआरएस से मिली रकम

-रिटायरमेंट पर लीव एनकैशमेंट

अच्‍छी बात यह है कि टैक्‍सपेयर के लिए नया सिस्‍टम स्‍वैच्छिक है। आइये अब एक प्रैक्टिकल उदाहरण के ज़रिये समज़ते है कि अगर आपकी सैलरी 10 लाख है तो दोनों ही टैक्स सिस्टम में कौन सा सिस्टम आपके लिए  बेहतर है :

Particulars Present Tax Rates New Tax Rates
Income under the head Salary 10,00,000 10,00,000
Less Standard Deduction -50,000  
Income under the head of House Property -200,000  
Less Deductions: Section 80 C Section 80 D     1,50,000   25,000    
Total Income 5,75,000 10,00,000
Tax due 27,500 75,000
Difference   47,500 Extra

दोस्तों आइये अब देखते है अगर आप 20 लाख सालाना कमाते है तो आपका टैक्स कितना बैठेगा

Particulars Present Tax Rates New Tax Rates
Income under the head Salary 20,00,000 20,00,000
Less Standard Deduction -50,000  
Income under the head of House Property -200,000  
Less Deductions: Section 80 C Section 80 D     1,50,000  25,000    
Total Income 15,75,000 20,00,000
Tax due 2,85,000 3,37,500
Difference   52,500 Extra

तो यह आपने देखा कि अगर आप नए टैक्स सिस्टम को अपनाते है तो आपको  लगभग 50,000 का नुकसान होगा । जो बहुत ज्यादा है ।

तो दोस्तों सीधा सीधा बताये तो मौजूदा टैक्स सिस्टम में अगर आप हर साल 2.5 लाख रुपये से अधिक के डिडक्शन का दावा करते हैं तो आपके लिए नए टैक्स सिस्टम में शामिल होने से कोई फायदा नहीं हैं।

दोस्तों इन उदहारण में हमने सेक्शन  80 CCD कि डिडक्शन तो ली ही नहीं जो 50 हज़ार रूपये कि मिलती है NPS Contribution कि । नहीं तो टैक्स में फरक और भी ज्यादा होता ।

तो दोस्तों अब तो आप समज ही गए होंगे कि कोनसा टैक्स सिस्टम आपके लिए बेहतर है। अगर आपने टैक्स प्लानिंग कि हुई है और आप डिडक्शन्स क्लेम करते है तो मौजूदा सिस्टम आपके लिए बेहतर है । और अगर आपने कोई भी टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट नहीं कर राखी है तो आप नए सिस्टम के हिसाब से टैक्स दे सकते है ।