How much Gold you can Keep at Home as per Income Tax Act | घर में कितना सोना रख सकते हैं ?

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दोस्तों हम इंडियंस का सोने के प्रति लगाव जगजाहिर है।  इसे कई लोग निवेश विकल्प के रूप में भी देखते हैं।  सोने के आभूषण, सोने के बार या अन्य फिजिकल फॉर्म में इसकी खरीदी होती है।  कई लोग सोने को घर में ही रखने में विश्वास रखते हैं। लेकिन आयकर नियमों के मुताबिक घर पर एक तय सीमा में ही सोना रखा जा सकता है।  आयकर नियमों के अनुसार, अगर कोई गोल्ड कहां से आया है, इसका वैलिड सोर्स व प्रूफ देता है तो वह घर में जि​​तनी मर्जी उतना सोना रख सकता है। लेकिन बिना वैलिड सोर्स घर में एक तय सीमा में ही सोना रख सकते हैं।  अगर आपको भी सोना खरीदने का शौक है तो जान लीजिये की आप कितना सोना आपने घर में रख सकते है।  आज हम इसी बारे में बात करेंगे तो इनकम टैक्स के नियमो के हिसाब से आप अपने घर में कितना सोना रख सकते है।  तो चलिए शुरू करते है।

बिना इनकम सोर्स बताए घर में सोना रखने की एक सीमा है।  विवाहित महिला घर में 500 ग्राम, अविवाहित महिला 250 ग्राम और पुरुष केवल 100 ग्राम सोना बिना इनकम प्रूफ दिए भी रख सकते हैं।  तीनों कैटेगरी में तय सीमा में सोना घर में रखने पर आयकर विभाग सोने के आभूषण जब्त नहीं करेगा।

लेकिन अगर अलग-अलग कैटेगरी के लोगों के लिए तय सीमा से अधिक सोना घर में रखते हैं तो आपको इनकम प्रूफ देना होगा और यह सोना कहां से आया, यह सबूत के साथ बताना होगा।  सीबीडीटी ने 1 दिसंबर 2016 को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया था कि अगर किसी नागरिक के पास विरासत में मिले गोल्ड समेत, उसके पास उपलब्ध सोने का वैलिड सोर्स है और वह इसका प्रमाण दे सकता है तो नागरिक कितनी भी गोल्ड ज्वैलरी व ऑर्नामेंट्स रख सकता है।  यानी वैलिड इनकम सोर्स दर्शाने पर घर में सोना रखने पर कोई लिमिट नहीं है।

गिफ्ट या विरासत में मिला सोना टैक्सेबल नहीं

आयकर नियमों के अनुसार, गिफ्ट के रूप में मिली 50000 रुपये से कम की ज्वैलरी या विरासत/वसीयत में मिला गोल्ड या गोल्ड ज्वैलरी व ऑर्नामेंट्स टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं।  लेकिन यह साबित करना होता है कि यह सोना गिफ्टेड है या विरासत में मिला है।  अगर किसी को गिफ्ट या विरासत में सोना मिला है तो इस साबित करने के लिए गोल्ड जिसने गिफ्ट किया, उसके नाम पर मौजूद रसीद समेत डिटेल्स की आवश्यकता पड़ सकती है।  वहीं अगर वसीयत या विरासत में सोना मिला है तो फैमिली सेटलमेंट एग्रीमेंट, वसीयत या गोल्ड ​तोहफे के रूप में ट्रांस​फर करने का एग्रीमेंट आदि प्रूफ के रूप में काम आ सकते हैं।  यहां सोने का मतलब सोने के बिस्किट या जेवर से है।

कमाई न होने के बावजूद अगर घर में सोना निकले:

अगर आपके पास कोई इनकम का सोर्स नहीं है। या सोर्स की तुलना में अधिक मात्रा में सोना है। तो इनकम टैक्स की कार्रवाई हो सकती है, हालांकि अगर सोना आपके घर में शादी से आया है, तो इसमें शादी–शुदा महिला के नाम पर छूट का प्रावधान है।

विवाहित महिला रख सकती है इतना सोना

इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक, विवाहित महिला के नाम पर घर में 500 ग्राम तक सोना रख सकते हैं।  वही महिला अविवाहित हो तो यह मात्रा 250 ग्राम तक की है।  बिना इनकम सोर्स के इससे ज्यादा सोना पकड़े जाने पर कार्रवाई हो सकती है।  पुरुषों के मामले में ऐसा कोई नियम नहीं रखा गया है कि वह विवाहित है या अविवाहित।  परिवार का कोई भी पुरुष अपने नाम पर 100 ग्राम तक सोना दिखा सकता है।

धार्मिक मान्यताओं पर मिलती है छूट

इन सभी नियमों के बावजूद घर में रखे सोने को लेकर क्या कार्रवाई हो सकती है, इसका फैसला एसेसिंग अधिकारी पर निर्भर करता है।  अगर उस अधिकारी को लगता है कि परिवार के रीति-रिवाज या धार्मिक मान्यता के हिसाब से आय के स्रोत से अधिक सोना रखा जा सकता है तो वह कोई कार्रवाई नहीं करेगा।  ध्यान रखें कि ऊपर सोने की जिस मात्रा पर इनकम टैक्स विभाग की छूट बताई गई है वह सिर्फ ज्वेलरी के लिए है जो परिवार के सदस्यों के नाम होती है।  अगर आपके घर में किसी और का सोना या जेवर रखा गया है तो उसे सीज किया जा सकता है।  तब आपकी कोई दलील काम नहीं करेगी।

क्या कहता है टैक्स का नियम

अगर आपको गिफ्ट में या विरासत में सोना मिला है तो उसका कागज दिखाना होगा।  इसका जिक्र इनकम टैक्स रिटर्न में भी करना होगा।  कागज के तौर पर आप उस व्यक्ति से मिली रसीद को दिखा सकते हैं जिसने आपको सोना उपहार में दिया है।  चाहें तो आप फैमिली सेटलमेंट डीड, गिफ्ट डीड भी दिखा सकते हैं जिसमें सोने के ट्रांसफर की बात लिखी गई हो।  मान लें कि आपके पास कोई प्रूफ नहीं है तो छापेमारी करने वाला एसेसिंग अधिकारी आपके परिवार का स्टेटस या हैसियत देखेगा, रीति-रिवाज और धार्मिक मान्यता पर गौर करेगा और कार्रवाई करने या न करने पर फैसला लेगा।

आयकर रिटर्न में देनी होती है डिटेल

अगर व्यक्ति की कर योग्य सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक है तो उसे आभूषणों और उनकी वैल्यू का ब्यौरा आयकर रिटर्न में देना होता है।  ध्यान रखना चाहिए कि रिटर्न में आभूषणों की घोषित वैल्यू और उनकी वास्तविक वैल्यू में कोई अंतर न हो।  अगर ऐसा हुआ तो व्यक्ति को इस अंतर का कारण बताना होगा।

तो दोस्तों इससे ज्यादा सोना आप अपने घर में नहीं रख सकते। उम्मीद करते है की आज की जानकारी आपके लिए लाभदायक होगी।