Home (Property) Insurance | What does Home Insurance Cover? | Get Home Insurance to secure your Home

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भारत में लोग अच्छा घर बनाने के लिए खूब पैसा खर्च कर देते हैं लेकिन जब उस घर की सुरक्षा के बाद आती है तो उस पर इतना ध्यान नहीं देते।  जनरली लोग अपने घर की सुरक्षा के लिए होम इंश्योरेंस लेने में पैसा खर्च नहीं करते। क्या आपने अपने घर का होम इंश्योरेंस लिया है ? नहीं लिया ? दोस्तों हमारा घर सबसे मूल्यवान एसेट्स में से एक है।  इंश्योरेंस से अपनी जिंदगी और स्वास्थ्य को सुरक्षित करने के जैसे ही घर को सुरक्षित करने के लिए होम इंश्योरेंस लेना बहुत इम्पोर्टेन्ट है। होम इंश्योरेंस घर के मालिक की जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।  यह एक सुरक्षा कवर की तरह काम करता है जो न केवल आपके घर को सुरक्षित करता है बल्कि आपकी निजी चीजों को भी किसी संभव नुकसान से बचाता है जो किसी भी इंसान द्वारा निर्मित या प्राकृतिक कारण से हो सकता है।  तो दोस्तों आज हम बात करेंगे की क्यों आपको होमी इन्शुरन्स लेना चाहिए ? क्या क्या इन्शुरन्स में कवर होता है और कैसे आप अपने घर के लिए बेस्ट होम इन्शुरन्स सेलेक्ट कर सकते है।  तो चलिए शुरू करते है :

दोस्तों, अपने एसेट्स के लिए एक सही कवर लेना महत्वपूर्ण है और हमारा घर सबसे मूल्यवान एसेट्स में से एक है। होम इंश्योरेंस घर के लिए एक सुरक्षा कवर की तरह होता है। होम इंश्योरेंस होने से किसी बुरी दुर्घटना के होने पर यह आपके फाइनेंसियल स्ट्रेस को कम करता है।  एक मजबूत होम इंश्योरेंस प्लान की मदद से आप खुद को ज्यादातर प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, तूफान, बाढ़, भूस्खलन आदि के लिए सुरक्षा दिला सकते हैं।  इसके साथ  साथ आग लगने या धमाका जैसे हादसों पर भी कवर मिलता ।

आइये अब जानते है की होम इंश्योरेंस में क्या होता है कवर

होम इंश्योरेंस में क्या कवर है और क्या कवर नहीं है इसके बारे में जानने के लिए पॉलिसी खरीदने से पहले उसकी टर्म्स ऑफ कंडीशन को समझना जरूरी है।  उदाहरण के लिए – दीवार और छत से होने वाले पानी के रिसाव को फ्लड प्लान में कवर नहीं किया जाता।  होम लोन लेते समय खरीदी जाने वाली होम इंश्योरेंस पॉलिसीज सिर्फ बिल्डिंग के स्ट्रक्चर को कवर करती हैं। वह घरेलू सामान और बिजली के उपकरण जैसी चीजों को कवर नहीं करती।

सामान्य तौर पर होम इंश्योरेंस पॉलिसी में ये चीजें कवर होती हैं:

•       घर का स्ट्रक्चर- होम इंश्योरेंस पॉलिसी में पॉलिसी के तहत कवर होने वाली किसी घटना से नुकसान होने पर घर की मरम्मत या दोबारा बनाने के लिए भुगतान किया जाता है।  घर के ढांचे के लिए इंश्योरेंस खरीदते समय व्यक्ति को उसे बनाने के लिए पर्याप्त कवर लेने की सोचना चाहिए।

•       निजी सामान- आग या चोरी या किसी दूसरी आपदा से बर्बाद होने पर आपके फर्नीचर, कपड़ों, घरेलू सामान को कवर किया जाता है। महंगे सामान जैसे ज्वैलरी, आर्ट आदि पर भी कुछ सीमा तक कवर मिलता है।  भारत में होम पॉलिसी पैकेज पॉलिसी होती हैं जिसमें कई संख्या में सेक्शन होते हैं जो कई कवर देते हैं।  एक कॉम्प्रिहैन्सिव होम पॉलिसी में आग, दंगे, चोरी, घरेलू सामान को नुकसान और घरेलू दुर्घटना पर भी कवर मिलता है।  होम इंश्योरेंस पैकेज के तहत आप निजी दुर्घटना के लिए क्लेम कर सकते हैं।  इसके साथ आप दुर्घटना की वजह से पार्शियल या परमानेंट incapability के लिए भुगतान ले सकते हैं।

आइये अब जानते है की कैसा प्लान चुनें?

होम इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत ऐसा प्लान चुना जाना चाहिए जो न सिर्फ घर को कवर करे बल्कि घर के अंदर के सामान जैसे फर्नीचर, इलेक्ट्रिकल अप्लाइंस, पोर्टेबल इक्विपमेंट जैसे सामान को भी कवर करे।  ऐसे में आगजनी या चोरी के बाद आपको ज्यादा वित्तीय नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।  वहीं कई प्लान ऐसे भी हैं जिसमें कीमती सामान चोरी होने पर इंश्योरेंस कवर मिलता है।  इसके अलावा अगर प्राकृतिक आपदा में घर गिर जाता है तो बीमा कंपनिया घर के फिर से निर्माण के लिए पैसा देती हैं।

होम इंश्योरेंस को चुनते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए

•       सबसे पहले इंश्योरेंस कंपनी की उसकी सेवा के बारे में प्रदर्शन और प्रतिष्ठा के बारे में पता लगाना है।  अगर कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं है, तो ऐसी कंपनी से होम इंश्योरेंस लेने का जोखिम नहीं लेने का सुझाव दिया जाता है।

•       होम इंश्योरेंस के तहत कंपनी क्या ऑफर कर रही है, यह भी पता लगाना जरूरी है।  व्यक्ति को पॉलिसी में निजी सामान जैसे ज्वैलरी, कपड़े, अप्लायंसेज आदि के लिए कवरेज और क्लेम सेटलमेंट, दस्तावेज आदि की कवरेज का प्रावधान देखना चाहिए।

•       घर को उसे दोबारा बनाने की वैल्यू के मुताबिक इंश्योरेंस लें।  आप यह नहीं देखें कि आपने इसे खरीदने के लिए कितना भुगतान किया था।  घर को दोबारा बनाने में ज्यादा पैसा लग सकता है।

आइए अब जानते हैं कि होम इंश्योरेंस में क्या कवर नहीं होता है।

दोस्तों , युद्ध में हुए नुकसान, जानबूझकर तोड़फोड़ , प्रॉपर्टी के आसपास जमीन खिसकने , प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट का नुकसान, प्राचीन संग्रहणीय वस्तुओं के नुकसान आदि का कवर होम इंश्योरेंस के तहत नहीं होता है। गृह युद्ध, न्यूक्लियर हथियारों, घरेलू नौकर से नुकसान जैसे मामलों में भी बीमा कंपनी भरपाई नहीं करती हैं।

आइए अब जानते हैं कि कैसे तय होता है होम इंश्योरेंस का प्रीमियम

दोस्तों, प्रॉपर्टी की कंस्ट्रक्शन क्वालिटी और बिल्ट अप एरिया (प्रति वर्ग फुट) को आधार बनाकर बीमा कंपनी इंश्योरेंस कवर की राशि और प्रीमियम तय करती है।  होम इंश्योरेंस का प्रीमियम तय करने में प्रॉपर्टी के साइज, टाइप ऑफ कंस्ट्रक्शन , भौगोलिक लोकेशन, प्रॉपर्टी के अंदर के सामान आदि भी अहम होते हैं। बीमा कंपनी बाढ़ या भूकंप से अधिक प्रभावित इलाकों में पॉलिसी होल्डर से ज्यादा प्रीमियम लेती है।  अगर आप चाहते हैं कि आप को कम प्रीमियम देकर अच्छी पॉलिसी मिले तो उसके लिए आप लंबे समय के लिए पॉलिसी ले सकते हैं।  इससे प्रीमियम में डिस्काउंट मिलता है और रिन्यू कराने की समस्या भी नहीं आती। कई साल के लिए एक साथ इंश्योरेंस लेने पर प्रीमियम में 50 परसेंट तक की छूट मिलती है।  कम प्रीमियम पेमेंट के लिए आप पॉलिसी की ऑनलाइन जानकारी ले सकते हैं।

आइये अब जानते है की होम इन्शुरन्स के क्लेम के लिए आपको कौन से डाक्यूमेंट्स देने होंगे :

  • दोस्तों ज्यादातर बीमा कंपनियों के पास होम इंश्योरेंस के तहत दावा पेश करने के लिए एक तय प्रोसेस होती है, पर हम आपको कुछ जरूरी बातें बता रहे है जो आसानी से दावा पाने में आपकी मदद करेंगी।
  • आजकल ज्यादातर बीमा कंपनियों ने क्लेम पास करने की प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया है, इसलिए हमेशा पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स की एक सॉफ्ट कॉपी को हमेशा अपने पास रखें, जो काफी आसान भी है।
  • किसी भी नुकसान की स्थिति में आपको पहले बीमा कंपनी को ईमेल या टेलीफोन के माध्यम से सूचित करना होगा और उन्हें अपनी पॉलिसी के संबंध में दुर्घटना या घटना की संक्षिप्त जानकारी देनी चाहिए।
  • एक बार जब आप अच्छी तरह से समझ लेते हैं कि आपको क्लेम पाने के लिए क्या करना है, उसके बाद क्लेम फॉर्म भरें और बीमा कंपनी द्वारा मांगे गए आवश्यक डॉक्यूमेंट तैयार करें।
  • यदि आपके बीमा कंपनी के पास एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, तो क्लेम नोटिफिकेशन से लेकर सभी आवश्यक दस्तावेजों को डिजिटल रूप से जमा किया जा सकता है।
  • जैसे की : किसी आकस्मिक या अप्रत्याशित नुकसान के मामले में: नुकसान के बारे में जानकारी, क्षतिग्रस्त वस्तुओं के बिल, रिपेयर का एस्टीमेट, मरम्मत बिल और भुगतान रसीद आदि।

चोरी या सेंधमारी के मामले में: पॉलिसी के तहत कवर किए गए खोए हुए सामानों की जानकारी, खोए हुए सामान का बिल, घटना के बारे में स्टेटमेंट, FIR की कॉपी, फाइनल पुलिस रिपोर्ट आदि।

यदि नुकसान 1 लाख रुपए से ऊपर है, तो बीमा कंपनी नुकसान के सत्यापन और मूल्यांकन के लिए एक स्वतंत्र सर्वेयर नियुक्त कर सकती है। उसके विजिट पर, सर्वेयर को सभी नुकसान दिखाएं और खोए/क्षतिग्रस्त सामान की लिस्ट भी रखें। यदि आपके पास इन वस्तुओं की कोई रसीद है, तो सर्वेयर के साथ भी साझा करें। एक बार जब आप सर्वेयर के साथ आवश्यक जानकारी दे देते हैं, तो वह बीमा को फाइनल सर्वे रिपोर्ट देगा।

बीमा कंपनी बाद में किसी और जानकारी या दस्तावेज़ की आवश्यकता होने की स्थिति में आपसे संपर्क कर सकता है। आमतौर पर, 1 लाख रुपए तक के छोटे-छोटे दावों को निपटाने में 5-7 वर्किंग डेज लगते हैं। बीमित व्यक्ति द्वारा सभी डॉक्यूमेंट प्रस्तुत किए जाने के बाद 1 लाख रुपए से ऊपर के बड़े क्लेम के लिए लगभग 10 वर्किंग डे लगते हैं।

तो दोस्तों इस तरह से आप पाने सपनो के घर को होम इन्शुरन्स लेके सुरक्षित कर सकते है।  तो अगर आपने अभी तक अपने घर का होम इन्शुरन्स नहीं लिया है तो जल्दी से होम इन्शुरन्स ले लीजिये।

तो दोस्तों उम्मीद करते है की आपको हमारा आज का आर्टिकल भी अच्छा लगा होगा।  हमारा आर्टिकल आपको कैसा लगा ये हमें नीचे कमेंट करके ज़रूर बताएगा।  और इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शेयर कर दीजियेगा।  धन्यवाद्।