Garib Kalyan Rozgar Yojana 2020 | गरीब कल्याण रोजगार अभियान- 6 राज्य के 116 जिलो में मिलेगा रोजगार
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लॉकडाउन के दौरान अलग अलग मेट्रो शहरों से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने अपने घरों को लौट चुके हैं । अचानक से आए लॉकडाउन में इन प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया है । ऐसे में इन मजदूरों को तत्काल रोजगार देने के लिए केंद्र सरकार ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान का एलान किया है, जिसे 20 जून को बिहार के एक गांव से लांच किया जाएगा । इस अभियान के तहत 125 दिनों तक मजदूरों को अलग अलग कामों में रोजगार मुहैया कराया जाएगा. सरकार ने इसके लिए 50 हजार करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अभियान की शुरुआत करेंगे । आज के आर्टिकल में हम इसी बारे में बात करेंगे। तो चलिए शुरू करते है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को 50 हजार करोड़ रुपये की गरीब कल्याण रोजगार योजना की शुरुआत करेंगे । इसकी शुरुआत बिहार से होगी । गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस योजन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस योजना का फोकस गांव में पीने के पानी, साफ-सफाई, सिंचाई, इंफ्रा, कृषि योजनाओं पर होगा । इस योजना के लिए कुल 25 तरह के काम की पहचान की गई है । इस योजना के लिए सरकार ने 50,000 करोड़ रुपये का बजट रखा है ।
इस अभियान के तहत लॉकडाउन में अपने घर लौटने वाले लाखों लोगों के रोजगार और पुनर्वास के लिए पूरी योजना तैयार की गई है ।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के नाम से शुरू होने वाली इस योजना से मूल रूप से ग्रामीण इलाकों के गरीबों को अधिक लाभ होगा । इस योजना में रिवर्स माइग्रेशन के तहत अपने गांव लौटने वाले कामगारों के लिए खास प्रावधान होंगे ताकि उनके सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट पैदा नहीं हो ।
इस अभियान के तहत सरकार ने छह राज्यों के 116 जिलों की पहचान की है। इन जिलों में करीब 67 लाख प्रवासी मजदूर वापस हुए हैं।
इन 116 जिलों में
बिहार में 32, ‘
उत्तर प्रदेश में 31,
मध्य प्रदेश में 24,
राजस्थान में 22,
ओडिशा में 4 और
झारखंड में 3 जिले शामिल हैं।
ये 116 वो जिले हैं जहां 25 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस आए हैं। ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के तहत साल में 125 दिनों तक रोजगार उपलब्ध कराने की योजना है।
सरकार ने ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का बजट 50 हजार करोड़ रुपये रखा है। कामगारों को स्किल के हिसाब से 25 सरकारी स्कीम के काम दिए जाएंगे। इस अभियान को लागू करने से पहले सरकार ने स्किल मैपिंग की है। आत्मनिर्भर भारत में भी प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा योजना में पहले ही 40 हजार करोड़ एक्स्ट्रा की घोषणा की जा चुकी है। इस साल मनरेगा का बजट बढ़कर अब 1 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
25 योजनाओंकेतहतहोंगेकाम
निर्मला सीतारामण ने बताया कि अभियान के 125 दिनों में सरकार की करीब 25 योजनाओं को एकसाथ लाया जाएगा । इन 25 योजनाओं में जिसको भी काम की जरूरत है उसे काम दिया जाएगा. कामगारों के कौशल के मुताबिक उन्हें काम दिया जाएगा । इसलिए अलग-अलग विभाग की 25 योजनाओं को इस अभियान में शामिल किया गया है ।
घररहकर 25,250 रुकरसकतेहैंकमाई
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत कुल 125 दिनों का काम चलेगा । इसमें रोज की मजदूरी मनरेगा की मजदूरी के हिसाब से ही दी जाएगी । इस लिहाज से एक कामगार को रोज 202 रुपये मिलेंगे । अगर कोई कामगार 125 दिनों का पूरा काम करता है, तो वह इस योजना के तहत 4 महीने के अंदर अपने घर पर ही रहकर 25250 रुपये कमा सकता है ।
इन 25 कामोंपररहेगाध्यान
सामुदायिक स्वच्छता परिसर
ग्राम पंचायत भवन
फाइनेंस कमिशन फंड के तहत किए जाने वाले काम
राष्ट्रीय राजमार्ग के काम
जल संरक्षण एवं जल संचयन के काम
कूओं का निर्माण
पैधारोपण के काम
बागवानी के काम
आंगनवाड़ी केंद्र के काम
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के काम
ग्रामीण सड़क एवं सीमा सड़क के काम
भारतीय रेल के तहत आने वाले काम
श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुरबन मिशन
भारत नेट के तहत फाइबर ऑप्टिकल केबल बिछाने का काम
पीएम कुसुम योजना के काम
जल जीवन मिशन के तहत कराए जाने वाले काम
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट
कृषि विज्ञान केंद्र के तह जीवनयापन की ट्रेनिंग
जिला खनिज निधि के तहत आने वाले काम
सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमैंट के काम
फार्म पोंड योजना के काम
पशु शेड बनाने का काम
भेड़/बकरी के लिए शेड बनवाने का काम
मुर्गी पालन के लिए शेड निर्माण
केंचुआ खाद यूनिट तैयार कराना
मजदूरोंकीपहचानकैसेहोगी
केंद्र सरकार का कहना है कि जो मजदूर श्रमिक स्पेशल या राज्य सरकार द्वारा अन्य तरीके से गांव वापस भेजे गए हैं, उनके नाम की सूची पहले से ही सरकार के पास है । उसी सूची के आधार पर उन्हें काम दिलवाया जाएगा । जो मजदूर किसी शहर से पलायन कर पैदल या किसी अन्य साधन से अपने गांव पहुंचे हैं, उनकी सूची भी संबंधित जिला के जिलाधिकारी के पास है । हालांकि ऐसे लोगों को अपनाप नाम चेक कर लेना चाहिए. रोजगार अभियान में काम कराने से लेकर मजदूरी के भुगतान का काम, सब राज्य सरकार के अधिकारी ही करेंगे ।
प्रधानमंत्री रोजगार अभियान की पहली प्राथमिकता अपने संबंधित जिलों में लौटे मजदूरों की तत्काल जरूरत को पूरा करना और उन्हें जल्द से जल्द आजीविका मुहैया कराना है । कोरोना संकट के इस दौर में शहरों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर पहुंचे हैं । उन्हें उनके घर पर ही काम दिलाने के लिए मोदी सरकार ने यह मेगा प्लान तैयार किया है ।
तो दोस्तों इस तरह से अगर आप भी कोरोना के चलते किसी मेट्रो सिटी से वापिस आपने गांव पहुंचे है तो आप भी इस स्कीम का फायदा ले सकते है। और अपने घर से ही कर सकते है बढ़िया कमाई। तो उम्मीद करते है की आपको हमारा आज का आर्टिकल अच्छा लगा होगा। हमारा आर्टिकल आपको कैसा लगा ये हमे नीचे कमेंट करके ज़रूर बाइये। धन्यवाद !