ELSS vs FD vs PPF : कौन सी इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है आपके लिए बेहतर | Tax Saving Financial Instrument
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दोस्तों, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS), पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), 5- वर्ष की फिक्स्ड डिपॉजिट(FD),सुकन्या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट(NSC), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम आदि में इन्वेस्टमेंट करके इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत व्यक्तियों को 1.5 लाख रुपये तक की बचत करने की अनुमति मिलती है। इन सभी इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से तीन सबसे लोकप्रिय हैं ELSS,PPF और 5- वर्ष की FD। आज हम इन्ही तीन इन्वेस्टमेंट विकल्पों के बारे में बात करेंगे और जानेगे की इन तीनो में क्या डिफरेंस है और इन तीनो की क्या खासियत है। तो चलिए शुरू करते है :
आइये सबसे पहले बात करते है:
इक्विटीलिंक्डसेविंगस्कीम (ELSS)
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) एक प्रकार का इक्विटी फंड और एकमात्र म्यूचुअल फंड है जो इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स सेविंग विकल्प के रूप में एलिजिबल है। अन्य सभी म्यूचुअल फंड्स की तरह, यह फंड हाउस (जिसे एसेट मैनेजमेंट कंपनी भी कहा जाता है) द्वारा ही दिया जाता है। ईएलएसएस में लॉक-इन पीरियड काफी कम होता है। इसलिए भी लोग इसकी तरफ जाते हैं। इसमें रिटर्न भी अच्छा-खासा मिल जाता है। इसमें सिप के जरिए भी इन्वेस्ट किया जा सकता है। जानकारों का कहना है कि अच्छे रिटर्न के लिए कम से कम 5 साल तक इन फंड्स में निवेश बनाए रखना चाहिए।
ELSS केफीचर्स :
एक ELSS में 3 वर्ष का लॉक-इन पीरियड होता है।
एक ELSS निवेश SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) का उपयोग करके 500 रु. से कम के निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है।
ELSS में 3 वर्षों में 11% -15% के बीच रिटर्न/ लाभदेने की क्षमता है।
ELSS के मामले में समय से पहले पैसे निकालने की अनुमति नहीं है।
ELSS में लॉन्ग- टर्म कैपिटल गेन्स(LTCG) में निवेश करने पर 10% लाभ मिल सकता है| सभी इक्विटी फंडों की तरह, ELSS पर प्रति वर्ष 1 लाख रुपये तक के LTCG पर टैक्स नहीं लगेगा|
5 सालो की निश्चित अवधि के लिए की गई FD आयकर अधिनियम की धारा 80 के तहत टैक्स बचत का विकल्प हैं| यह जोखिम-मुक्त निवेश टैक्स बचत इंस्ट्रूमेंट्स में से एक है जो एक फिक्स्ड रिटर्न के साथ आता है। सार्वजनिक बैंकों, निजी बैंकों, छोटे वित्त बैंकों और भारतीय डाकघर द्वारा टैक्स-सेविंग FD दी जाती है।
टैक्ससेविंगफिक्स्डडिपॉजिटकेफीचर्स :
इसकी लॉक-इन अवधि 5 वर्ष की होती है|
टैक्स-सेविंग FD के लिए न्यूनतम निवेश राशि 100 रु.से शुरू होती है, हालांकि, यह बैंको के आधार पर अलग-अलग होती है।
टैक्स-सेविंग FD लगभग 5.0% – 8.25% प्रति वर्ष का ब्याज़ देती है। ब्याज़ की दर वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक उम्र) के लिए अधिक है, आम तौर पर लगभग 0.25% -0.50% ज़्यादा।
5 वर्ष की लॉक-इन अवधि पूरी होने से पहले टैक्स-बचत FD के लिए समय से पहले पैसे निकालने की अनुमति नहीं है।
टैक्स-बचत FD को गिरवी रख लोन नहीं लिया जा सकता है।
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) भारत सरकार की एक सेविंग स्कीम है। PPF अकाउंट पर ब्याज हर तिमाही (तीन महीनों में) निर्धारित किया जाता है। PPF जीरो रिस्क के साथ आता है क्योंकि इसका ब्याज़ केंद्र सरकार द्वारा भुगतान किया जाता है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) लंबी अवधि के लिए एक बेहतर निवेश विकल्प है । PPF में निवेश न केवल सुरक्षित है, बल्कि इसमें टैक्स छूट का पूरा लाभ मिलता है । निवेशकों के लिए इसमें जोखिम नगण्य होता है ।
पब्लिकप्रोविडेंटफंडकेफीचर्स :
PPF की लॉक-इन अवधि 15 वर्ष है।
PPF में न्यूनतम निवेश सीमा 500 रु. है|
अप्रैल – जून 2019 (Q1 FY 2019-2020) के लिए PPF दर 8% है।
5 वर्ष के बाद PPF से पैसे निकाल सकते हैं|
3 वर्ष से 6 वर्ष के बाद PPF को गिरवी रख लोन ले सकते हैं|
PPF से कमाए गए ब्याज़ पर टैक्स नहीं लगता है|
दोस्तों तीनो के बारे में जानकारी तो हमने ले ली की क्या है ये तीनो इन्वेस्टमेंट ऑप्शन। आइये अब इन तीनो में क्या डिफरेंस है वो जानते है :
तो दोस्तों ये था comparison इन तीनो इन्वेस्टमेंट ऑप्शनस का। उम्मीद करते है की अब आपने तय कर लिया होगा की आपको कोन सी स्कीम में निवेश करना है। और इसके साथ साथ ये भी उम्मीद करते है की आपको हमारा आज का आर्टिकल अच्छा लगा होगा। हमारा आर्टिकल आपको कैसा लगा ये हमें नीचे कमेंट करके ज़रूर बताएगा। और इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शेयर कीजियेगा । धन्यवाद् !