प्रॉपर्टी में निवेश कर रहे हैं तो इन ग‍लतियों से जरूर बचें | Real Estate Investment Tips for Beginners

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दोस्तों, प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करना जितना आसान लगता है, उतना है नहीं।  प्रॉफिट कमाने के उद्देस्य से रियल एस्‍टेट में पैसा लगाते समय लोगों से अक्‍सर गलतियां होती हैं।  और इन्ही छोटी छोटी गलतियों की वजह से उन्‍हें उनका मनचाहा रिटर्न नहीं मिल पाता है।  कई मामलों में तो नुकसान तक उठाना पड़ जाता है।  ऐसा आपके साथ न हो इसके लिए इन गलतियों से बचना बहुत जरूरी है।  आज की वीडियो में हम ऐसी ही कुछ कॉमन मिस्टेक्स के बारे में बात करेंगे जो लोगों से रियल एस्‍टेट में पैसा लगाने में होती हैं।  और इन मिस्टेक्स से बच कर आप अपना मनचाहा रिटर्न पा सकते है रियल एस्टेट में निवेश करके।  तो चलिए शुरू करते है।

दोस्तों , भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग प्रॉपर्टी खरीदते और बेचते हैं।  यही वजह है कि रियल एस्टेट सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था और इसकी GDP में बड़ा योगदान देता है।  लेकिन प्रॉपर्टी खरीदते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।  जल्दबाजी या लापरवाही पैसा डुबा भी सकती है और फिर आपके पास अफसोस करने के अलावा कुछ नहीं बचेगा।  किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदते समय ये बाते ज़रूर ध्यान में रखे।  पहली है :

  1. निवेश से पहले बैकग्राउंड चेक

किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले उसके बैकग्राउंड की अच्छे से जांच-पड़ताल बेहद अहम है।  बैकग्राउंड चेक में प्रॉपर्टी की लोकेशन, बिल्डर के बारे में जांच और यह शामिल होना चाहिए कि प्रॉपर्टी सभी कानूनी मानदंडों को पूरा करती है या नहीं । जो अन्य फैक्टर्स चेक करने चाहिए, उनमें डिलीवरी टाइम और कॉस्टिंग आते हैं।  अच्‍छी प्रॉपर्टी खरीदने के लिए समय देना पड़ता है। प्राइस और लोकेशन के अलावा खरीदारी में स्‍पेस को भी ध्‍यान में रखना चाहिए।  क्या एरिया का इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सुधरेगा, प्रॉपर्टी पर कोई मुकदमेबाजी तो नहीं है या कोई अन्‍य कानूनी अड़चन का सामना तो नहीं करना पड़ेगा, इन सभी सवालों पर माथापच्‍ची कर लेना जरूरी है।

  • महंगी प्रॉपर्टी से करें शुरुआत

पहली बार प्रॉपर्टी खरीदने वालों को पहली बी बार में महंगी प्रॉपर्टी की डील नहीं करनी चाहिए।  इसकी वजह है कि महंगी प्रॉपर्टी में छिपी हुई लागतें और पेचीदगियां होती हैं, जो लॉन्ग टाइम में आपको परेशान कर सकती हैं।  इसलिए बेहतर है कि शुरुआत में ऐसी प्रॉपर्टी का चुनाव किया जाए जो लोअर से मिड रेंज प्राइस ब्रैकेट में आती हो।   ऐसी प्रॉपर्टी पर भविष्य में रिनोवेशन/रिडेवलपमेट कॉस्ट को मैनेज किया जा सकता है। और प्रॉपर्टी खरीदते समय जल्दबाज़ी तो बिलकुल मत करे।  खरीदारी का कोई फैसला करने से पहले कम से कम 10 प्रॉपर्टियों का पता कर लेना चाहिए।  इसमें किसी भी तरह की जल्‍दबाजी नहीं करनी चाहिए। कमीशन बनाने के लिए कोई ब्रोकर गलत प्रॉपर्टी भी आपको खरीदवा सकता है।

  • रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट की पूरी कॉस् को निकालना

जब आप रियल एस्टेट में निवेश करते हैं तो आपको उसकी पूरी लागत निकालनी चाहिए।  उदाहरण के लिए 100 रुपये के बेस प्राइस पर जीएसटी, रजिस्‍ट्रेशन, स्‍टैंप ड्यूटी, ब्रोकरेज, फर्निशिंग, उधार की लागत आदि जैसे अतिरिक्‍त चार्ज पूरे बिल को बढ़ाकर 120-130 रुपये कर देते हैं।

एक अंडर-कंस्‍ट्रक्‍शन प्रॉपर्टी में आपको 5 फीसदी जीएसटी और 5-7 रजिस्‍ट्रेशन और स्‍टैंप ड्यूटी का भुगतान करना पड़ता है।  यह राज्‍यों के नियमों पर निर्भर करता है।  घर की फर्निशिंग में और 5 फीसदी लग सकते हैं।  इस तरह बेस प्राइस से 15 फीसदी दाम और बढ़ जाते हैं।  इसका मतलब है कि अगर घर की कॉस्‍ट 1 करोड़ रुपये है तो आपको अतिरिक्‍त कॉस्‍ट के तौर पर 15 लाख रुपये और खर्च करने होंगे। 

अगर आप पहली बार प्रॉपर्टी ​खरीद रहे हैं तो अपने पास मौजूद फंड कितना है और कितने फण्ड की जरूरत है आपको , इसका सबसे पहले कैलकुलेशन करें।  इसके बाद टोटल कॉस्टिंग कैलकुलेट करें।

अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन का आवेदन करते हैं तो बैंक आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री की जांच करते है।  क्रेडिट हिस्‍ट्री में कोई समस्या होने पर लोन के आवेदन को खारिज किया जा सकता है या फिर अधिक ब्‍याज दरों में उसे स्‍वीकार किया जा सकता है।  लोन का सबसे अच्‍छा ऑफर अक्‍सर 750 या इससे अधिक क्रेडिट स्‍कोर वालों को किया जाता है।  उन्‍हें सबसे कम दरों का लाभ मिलता है।  लिहाजा, लोन का आवेदन करने से पहले अपने क्रेडिट स्‍कोर को ऑनलाइन देख लेना जरूरी है।  इसमें कुछ मिनट लगते हैं। और तभी अपनी प्लानिंग करे। 

इस फैक्ट को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन  नई प्रॉपर्टी में निवेश करने से हपले अपने पुराने कर्ज के स्टेटस का रिव्यू करना  बहुत जरूरी है।  व्यक्ति को अपने निवेश पोर्टफोलियो में कर्ज  नहीं रखने चाहिए।  इसलिए जरूरी है कि रियल स्टेट में पैसे लगाने से पहले अपने पुराने सभी कर्ज जैसे स्टूडेंट लोन, मेडिकल बिल आदि क्लियर कर दें।  और तभी इन्वेस्टमेंट स्टार्ट करे।

अगर केवल निवेश के तौर पर प्रॉपर्टी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो म्‍यूचुअल फंड, स्‍मॉल सेविंग्‍स या इक्विटी जैसे फाइनेंशियल इंस्‍ट्रूमेंट कहीं सस्‍ते विकल्‍प हैं।  रियल एस्‍टेट में जहां मेनटिनेंस कॉस्‍ट और प्रॉपर्टी टैक्‍स देना पड़ता है।  वहीं, अन्‍य इंस्‍ट्रूमेंट में निवेश को मेनटेन का खर्च बहुत मामूली होता है।  जैसे म्‍यूचुअल फंड के मामले में एक्‍सपेंस रेशियो और शेयरों के मामले में मामूली डीमैट फीस, ब्रोकरेज इत्‍याद‍ि का भुगतान करना पड़ता है।  पैसों की जरूरत आने पर फाइनेंशियल इनवेस्‍टमेंट को आप थोड़ा-थोड़ा करके भुना सकते हैं।  वहीं, प्रॉपर्टी के साथ ऐसी सुविधा नहीं है।  तो आप अपने निवेश के उद्देश्य को एक बार अच्छे से एनालिसिस करके तभी निवेश करे।

तो दोस्तों ये हमने आपको बताई कुछ ऐसी कॉमन मिस्टेक्स जिन्हे अवॉयड करके आप अपने निवेश से बढ़िया प्रॉफिट कमा सकते है। 

तो दोस्तों उम्मीद करते है की आपको हमारा आज का आर्टिकल अच्छा लगा होगा।  हमारा आर्टिकल आपको कैसा लगा ये हमें नीचे कमेंट करके ज़रूर बताएगा।  और हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शेयर कीजियेगा।  धन्यवाद !

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