वचन पत्र क्या होता है ? वचन पत्र कैसे आपके उधार दिए पैसे को सुरक्षित करता है? | Promissory Note | ProNote

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दोस्तों आप सभी ने कभी न कभी अपने किसी दोस्त से या किसी रिस्तेदार से पैसा उधार लिया होगा या किसी को दिया होगा  | और इसी इनफॉर्मल लोन को सिक्योर करने के लिए इस्तेमाल होता है प्रामिसरी नोट यानि वचन पत्र | क्या आप जानते है की प्रामिसरी नोट क्या होता है ? और ये कितना सिक्योर फाइनेंसियल डॉक्यूमेंट है ? प्रामिसरी नोट बनाते टाइम आपको किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए? प्रामिसरी नोट कितनी तरह के होते है ? आज के आर्टिकल में हम इन्ही सब बातो के बारे में डिटेल में जानेगे .. तो आइये शुरू करते है –

दोस्तों प्रामिसरी नोट यानि वचन पत्र जैसा की इसका नाम ही बताता है एक ऐसा लीगल फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट है जो एक पार्टी के द्वारा इशू किया जाता है दूसरी पार्टी को इस प्रॉमिस के साथ की वो दूसरी पार्टी के पैसे को निश्चित समय में चुका देंगे |

उदहारण के तौर पर एक Buyer है जिसे कुछ गुड्स की ज़रूरत है लेकिन उसके पास पैसा नहीं है | तो उसने Seller से वो गुड्स ली और उन गुड्स के बदले सेलर को  प्रोमिसोरी नोट दे दिया |इस प्रोमिसोरी नोट से वो प्रॉमिस करेगा की वो किसी फ्यूचर डेट पर सेलर को पैसा दे देगा | या फिर जब भी सेलर डिमांड करेगा तभी वो पैसा दे देगा | तो इस केस में Buyer को हम Debtor या Drawer भी कहते है और सेलर को बेनेफिशरी या Drawee कहते है |

और इसी तरह से बहुत बार हम लोग अपने रिस्तेदारो से या आपने साथ काम करने वालो से या अपने दोस्तों से पैसे उधार сайт омг उधार उधार लेते है या उन्हें देते है |और ऐसे में बहुत बार होता ये है की टाइम से पैसे न वापिस करने पर रिश्ते ख़राब हो जाते है | जैसे कहा भी जाता हि है की जैसे ही रिस्तो में पैसा आता है रिश्ते बीगड़ जाते है |  तो ऐसे सिचुएशन में भी हम प्रामिसरी नोट का इस्तेमाल कर सकते है | और अपने पैसे को सिक्योर कर सकते है| इस केस में जो रिस्तेदार पैसे उधार दे रहा है दूसरे को उस पैसे देने वाले रिस्तेदार को हम क्रेडिटर या Drawee कहते है और जो रिस्तेदार उधार पैसे लेकर प्रामिसरी नोट इशू करता है उसे हम Debtor या Drawer कहते है |

आइये अब जानते है प्रामिसरी नोट की डेफिनेशन क्या है ?

प्रामिसरी नोट को Negotiable Instrument Act, 1881 के सेक्शन 4 के अंदर डेफिइन किया गया है जो कहता है की-

A “promissory note” is an instrument in writing (not being a bank-note or a currency-note) containing an unconditional undertaking, signed by the maker, to pay a certain sum of money only to, or to the order of, a certain person, or to the bearer of the instrument.

ये देखिये डेफिनशन में साफ़ साफ़ लिखा है की ये एक फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट है और ये ओरल नहीं होता सिर्फ राइटिंग में ही होता है | और बैंक नोट या करेंसी नोट की यह बात नहीं हो रही है |और अनकंडीशनल undertaking यानि की पैसे को चुकाने की कोई कंडीशन या शर्त नहीं होनी चाहिए | अगर कंडीशन है तो प्रामिसरी नोट वैलिड नहीं माना जायेगा | अब कैसे कंडीशन हो सकती है और जो नहीं होनी चाहिए ये हम अभी आपको आगे Examples में बताएंगे | प्रामिसरी नोट पर मेकर यानि ड्रावर यानि Debtor  के Signature ज़रूर होने चाहिए | कितना पैसा चुकाना है ये भी साफ़ साफ़ लिखा होना चाहिए और किसे चुकाना है ये भी | या तो क्रेडिटर यानि Drawee  का नाम लिखा होगा की उसको पैसा चुकाना है या फिर वो किसी और को भी authorised  कर सकता है तो Debtor को उसको पैसा देना होगा | या फिर Bearer of Instrument यानि की जिसके पास भी ये इंस्ट्रूमेंट मिलेगा उसको पैसे आप चुकता कर दीजिये |

आइये अब जानते है की प्रामिसरी नोट के अंदर कौन- कौन सी पार्टीज involved  रहती है-

1.  Drawer/ Maker/ Issuer/ Debtor/Payer/Promisor:

जो भी पर्सन पैसे देने का वादा करता है और प्रामिसरी नोट जारी करता है उसे ड्रावर कहते है |

2. Drawee/ Creditor/ Payee/ Lender/Acceptor

इसी तरह जिसके नाम पर प्रामिसरी नोट इशू होता है उसे हम Drawee कहते है | इसी को ड्रावर वचन देता है पैसा चुकाने का |

3. Holder / Endorsee

अगर प्रामिसरी नोट में ये लिखा गया है की ये पैसे ड्रावर को न देकर किसी थर्ड पार्टी को देने है तो इसी थर्ड पार्टी को एंडॉर्सी कहा जाता है |

आइये अब जानते है की प्रामिसरी नोट कितने तरह के होते है ?

अगर हम टाइप की बात करे तो प्रामिसरी नोट के ये पांच प्रकार होते है :

  1. On demand or Usance (Specified Future Date)

ऑन डिमांड प्रामिसरी नोट का मतलब है की जब भी Drawee अपने पैसे की डिमांड करेगा ड्रावर को पैसा देना होगा |

दूसरा होता है usance प्रामिसरी नोट जिसमे साफ़ साफ़ एक फ्यूचर डेट लिखी होती की उस डेट तक पैसा वापिस देना है | जैसे की लिखा हो की ६ महीनो के अंदर अंदर पैसा देना है तो इसका मतलब है की ६ महीने का टाइम मैक्सिमम है और ६ महीनो के अंदर अंदर पैसा वापिस करना होगा |

2. Payable in Instalment or Lump Sum

ये दूसरी केटेगरी होती है प्रामिसरी नोट की | अगर है प्रामिसरी नोट में लिखा है की पैसा किस्तों में देना है तो वो Payable in इन्सटॉलमेंट टाइप का हुआ और अगर लिखा है की सारा पैसा एक साथ वापिस करना है तो वो लम्प सम प्रामिसरी नोट हुआ |

3. Interest Bearing or Interest Free

दोस्तों अगर छोटे टाइम के लिए पैसा उधार दिया जा रहा है तो हो सकता है उस पैसे पर कोई इंटरेस्ट न चार्ज किया जाये तो उस प्रामिसरी नोट को इंटरेस्ट फ्री प्रामिसरी नोट कहते है | लेकिन जब ज्यादा समय के लिए पैसा उधार दिया जाता है तो उसपर इंटरेस्ट चार्ज किया जाता है और उसे इंटरेस्ट बेअरिंग प्रामिसरी नोट कहते है |

4. Single or Joint Borrowers

दोस्तों प्रोमिसिरी नोट को सिंगल Borrower भी Sign कर सकता है और Multiple Borrowers भी एक प्रामिसरी नोट को Sign कर सकते है |

5. Non Negotiable or Negotiable

दोस्तों प्रामिसरी नोट नेगोशिएबल या नॉन नेगोशिएबल दोनों ही तरह का हो सकता है | अगर प्रामिसरी नोट पर नहीं लिखा गया की ” to the order of ” तो इसका मतलब वो नॉन नेगोशिएबल है और अगर लिखा हुआ तो मतलब वो नेगोशिएबल है |

आइये अब जानते है की प्रामिसरी नोट किस भाषा में होना चाहिए ?

दोस्तों प्रामिसरी नोट आप हिंदी , अंग्रेजी या फिर अपने स्टेट की रीजनल लैंग्वेज में भी बनवा सकते है |

आइये अब जानते है की प्रामिसरी नोट के एलिमेंट्स यानि आवश्यक तत्त्व  क्या है ?

1.. In Writing: प्रामिसरी नोट लिखित रूप में और स्पष्ट भाषा में लिखा होना चाहिए |

2. Unconditional Promise to Pay: प्रामिसरी नोट में जो भी वादा या वचन लिया जाता है वो बिना किसी शर्त के होना चाहीये | इसमें अगर आप कोई शर्त लगा देते है तो वो एग्रीमेंट बन जाता है |इसीलिए बिना शर्त सीधे और कम शब्दो में प्रामिसरी नोट होना चाहिए |

3. Drawer-Certain Person: प्रामिसरी नोट इशू करना वाला एक पर्सन ही होना चाहिए | कोई कंपनी प्रोमिसोरी नोट इशू नहीं कर सकती | और इसके साथ साथ इशू करने वाले पर्सन की पहचान भी स्पष्ट होनी चाहिए |

4. Sum Payable: कितना पैसा चुकाना है ये साफ़ साफ़ लिखा होना चाहिए प्रामिसरी नोट में |

5. Interest In case of Interest bearing Pro Note: इंटरेस्ट बेअरिंग प्रामिसरी नोट है तो उसके अंदर exact इंटरेस्ट अमाउंट लिखा होना चाहिए या फिर इंटरेस्ट की परसेंटेज साफ़ साफ़ लिखी होनी चाहिए |

6. Drawee: Drawee का नाम भी साफ़ साफ़ मेंशन होना चाहिए | स्पष्ट समझ आना चाहिए की किसके नाम पर प्रामिसरी नोट इशू हो रहा है |

7. Maturity Date: अगर प्रामिसरी नोट ऑन डिमांड वाला नहीं है तो उसकी maturity डेट साफ़ साफ़ लिखी होनी चाहिए |

8. Date of Issue and Place of Issue: किस डेट को प्रोनोट इशू हुआ है वो साफ़ साफ़ मेंशन होनी चाहिए और किस जगह हुआ है वो भी साफ़ साफ़ लिखी होनी चाहिए |

9. Stamped-Revenue Stamp or Stamp Paper: दोस्तों नेगोशिएबल एक्ट साफ़ साफ़ कहता है की इसको स्टाम्प करना बहुत ज़रूरी है | नोर्मल्ली आप एक रूपये का रेवेनुए स्टाम्प लगा सकते है या फिर आप स्टाम्प पेपर का इस्तेमाल भी कर सकते है |

10. Signature: प्रामिसरी नोट पर ड्रावर का sign ज़रूरी है | drawee अगर sign नहीं भी करता है तो भी कोई बात नहीं | और उनका नाम और पता भी लिखा होना चाहिए |

11. Receipt: अगर प्रामिसरी नोट उधार लिए गए पैसो के लिए इशू किया गया है तो उन पैसो के लें दें की रसीद भी संभाल कर रखे |

12. Witness: प्रामिसरी नोट पर आपको दो गवाहों को सिग्नेचर ज़रूर करने चाहिए और उनके नाम और पते को साफ़ स्पष्ट तौर पर लिखना चाहिए |

13. Legal case: अगर आपको प्रामिसरी नोट के रिगार्डिंग कोर्ट केस करना है तो आप maturity डेट के तीन साल तक केस फाइल कर सकते है | लेकिन अगर प्रामिसरी नोट ऑन डिमांड है तो इस केस में एक्सेक्यूशन डेट के तीन साल तक आप कोर्ट केस कर सकते है |

आइये अब कुछ illustrations देख लेते है की कैसे प्रामिसरी नोट लिखा जाना चाहिए

As per section 4 of negotiable instruments act, 1881:

  • “I promise to pay B or order Rs. 500.” Correct Format
  • ‘‘I acknowledge myself to be indebted to B in Rs. 1,000, to be paid on demand, for value received.” Correct Format
  • “Mr. B. I.O.U. Rs. 1,000.” Wrong Format
  • “I promise to pay B Rs. 500 and all other sums which shall be due to him.” Wrong Format
  • “I promise to pay B Rs. 500 first deducting there out any money which he may owe me.” Wrong Format
  • “I promise to pay B Rs. 500 seven days after my marriage with C.”
    Wrong Format
  • “I promise to pay B Rs. 500 on D’s death, provided D leaves me enough to pay that sum.” Wrong Format
  • I promise to pay B Rs. 500 and to deliver to him my black horse on 1st January next.” Wrong Format

दोस्तों प्रामिसरी नोट का ड्राफ्ट शेयर करने से पहले आइये बात करते है इसकी इम्पोर्टेंस की | की कितना पावरफुल लीगल डॉक्यूमेंट है ये :

  1. केस का फेसला होने में समय नही लगना :- जैसा की हम लोग लेनदेन में सिर्फ इसी बात से सबसे ज्यादा डरते है की अगर सामने वाले ने मुझे पैसे वापिस नही दिए तो कोर्ट के द्वारा लेने में बहुत समय लग जायेगा | ये चीज इस में नही है | क्योकि इसमें कोर्ट में केस सिविल प्रकिर्या के अनुसार आर्डर 37 में जाता है और इस आर्डर  37 में केस डालने का फायदा ये है की ये केस सिर्फ  गिनती की 4 तारीखो (4  महीने में) समाप्त हो जाता है तथा  इसमें  तारीख लेने या फिर दिए समय पर कार्य नही करने का कोई बहाना नही चलता है |
  2. पुरानी फिल्मो के उधारण :– अगर आप लोगो को याद हो की, हमारी पुरानी फिल्मो में आप लोगो ने देखा होगा की गाँव का लाला गरीब किसान से उसका अगुठा लगवा लेता था | तथा कुछ समय में ही कोर्ट से उसकी जमीन अपने नाम करवा लेता था | आप लोगो ने ज़रूर सोचा होगा की वैसे तो कोर्ट में इतना समय लगता है पर उस लाला को  क्यों नही लगता | वो लाला इस promissory note पर ही किसान का अंगूठा लेता था | तथा उसे कोर्ट में आर्डर  37 सिविल पर्किर्या में दाखिल कर के केस को जीत कर कोर्ट  के माध्यम से किसान की जमीन को अपने नाम करवा लेता था | ये है प्रामिसरी नोट की पावर |
  3. जवाबदेही से बचना :- किसी भी वचन पात्र में ये लिखने की ज़रूरत नही होती है की ये लेनदेन क्यों हो रहा है तथा इस  में किसी भी प्रकार  का कोई फायदा या नुकसान है या नही आप इस जवाबदारी से बच जाते हो |

आइये अब देखते है प्रामिसरी नोट के ड्राफ्ट को


तो दोस्तों इस तरह से आप प्रामिसरी नोट ड्राफ्ट कर सकते है | अब तो आप समझ ही गए होंगे की प्रामिसरी नोट कितना पावरफुल लीगल इंस्ट्रूमेंट है | तो उम्मीद करते है की हमारा ये आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा | और ये आपके ज़रूर काम आया होगा | तो कैसा लगा हमारा आर्टिकल और अगर कोई सुझाव या प्रश्न हो तो आप हमे नीचे कमेंट करके बताइये | धन्यवाद |

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