मृत्यु के बाद नॉमिनी नहीं होगा आपकी संपत्ति का कानूनी मालिक | नॉमिनी के अधिकार और कर्त्तव्य | Nominee is not a legal Owner | Nominee cannot use money | Nominee Rights & Responsibilities

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दोस्तों क्या आप जानते है की नॉमिनी कौन होता है..उसके अधिकार क्या होते है ? क्या आपको लगता है की आपके मरने के बाद आपकी सारी संपत्ति और सारा पैसा आपके नॉमिनी का हो जायेगा तो आप बिल्कुल गलत है | जी हाँ, कानूनी तौर पर ऐसा बिल्कुल नहीं होगा | आपकी प्रॉपर्टी का नॉमिनी आपके जाने के बाद आपकी प्रॉपर्टी का मालिक नहीं बनेगा | क्योकि कानून की नज़रो में नॉमिनी सिर्फ और सिर्फ एक ट्रस्टी है एक कस्टोडियन है आपकी संपत्ति का | ना कि मालिक | तो दोस्तों अगर आप भी अपनी संपत्ति में किसी को नॉमिनी बना कर ये सोच रहे है की आपके जाने के बाद वो व्यक्ति आपकी संपत्ति का मालिक बन जायेगा तो आप हमारा ये लेख पूरा पढ़िए |

आज हम आपको बताएंगे की नॉमिनी के पास  क्या क्या अधिकार होते है | और किन किन हालत में वो  आपकी संपत्ति का मालिक माना जाता है और किन हालातो में नहीं |

आइये सबसे पहले जानते है की नॉमिनी क्या होता है:

नॉमिनी केवल ट्रस्टी होता है, जिसे संपत्ति को वसीयत में बताए गए कानूनी वारिसों या उत्तराधिकार के कानूनों के मुताबिक बांटना होता है। हालांकि, कंपनी शेयर्स जैसे कुछ इन्वेस्टमेंट्स में संबंधित कानूनों के प्रावधान उत्तराधिकार कानूनों से अलग होते हैं।

दोस्तों नॉमिनेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे किसी एक व्यक्ति को अधिकृत किया जाता है आपकी  संपत्ति की प्राप्ति के लिए आपकी मृत्यु के बाद | नॉमिनेशन तभी ऑपरेशन में आता है जब नॉमिनेशन करने वाले  व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है |

दोस्तों एक आम धारणा ये है की नॉमिनी ही संपत्ति का मालिक होता है क्योकि नॉमिनी के नाम पर ही  संपत्ति ट्रांसफर होती है व्यक्ति की  मृत्यु के बाद| जबकि का कानूनन ऐसा नहीं होता | कानून के हिसाब से नॉमिनी सिर्फ एक ट्रस्टी होता है और वो संपत्ति को होल्ड करता है लीगल हेयर के लिए | और इसके भी कुछ छूट होते है , कुछ केस ऐसे है जिनमे नॉमिनी को ही कानूनी मालिक भी माना जाता है |

अलग-अलग हालात में कानूनी स्थिति अलग अलग होती है: आइये समझते है

इंश्योरेंस पालिसी

इंश्योरेंस ऐक्ट, 1939 के सेक्शन 39 के मुताबिक, इंश्योरेंस कंपनी को पॉलिसी में बताए गए नॉमिनी को रकम सौंपनी चाहिए। और नॉमिनी से ये उम्मीद की जाती है कि वह इसे कानूनी वारिसों में बांटेगा, जो पॉलिसीहोल्डर की वसीयत में बताए गए हैं। वसीयत न होने पर उत्तराधिकार कानून लागू होंगे। इसका मतलब इंश्योरेंस  के मामले में नॉमिनी मालिक न होकर एक ट्रस्टी की तरह काम करता है और पालिसी की रकम को उसके कानूनी वारिसों तक पहुँचाता है |

कोऑपरेटिव हाउजिंग सोसाइटी में प्रॉपर्टी

इंश्योरेंस पालिसी की रकम की तरह ही, किसी हाउसिंग सोसाइटी में प्रॉपर्टी का नॉमिनी खुद इसका वारिस नहीं बन जाता बल्कि एक ट्रस्टी की तरह कार्य करता है। मालिक की मृत्यु होने पर हाउसिंग सोसाइटी को मृतक के शेयर्स नॉमिनी को ट्रांसफर करने होते हैं, और नॉमिनी इन्हे कानूनी वारिसों को ट्रांसफर करता है।

बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश विकल्प

बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश विकल्पों के मामले में भी नॉमिनी अपने आप इनके बेनेफिशयरीज नहीं बन जाते। आरबीआई की गाइडलाइंस में यह बात साफ की गई है। आरबीआई की गाइडलाइन्स के हिसाब से नॉमिनी मृतक इंसान के कानूनी वारिसों  के ट्रस्टी के तौर पर काम करते है |

कर्मचारी भविष्य निधि (एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड) (EPF)

ईपीएफ के मामले में स्थिति बिल्कुल अलग हैं। इसमें रकम नॉमिनी के पास जाती है, वसीयत में बताए गए शख्स के पास नहीं। नियमो के मुताबिक, आप अपने ईपीएफ खाते में परिवार के सदस्य के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को नॉमिनेट नहीं कर सकते, जब तक कि आपका परिवार न हो। परिवार होने पर आपको अपना नॉमिनेशन इसके किसी सदस्य के पक्ष में बदलना होता है। आप परिवार के एक से ज्यादा सदस्यों को भी नॉमिनेट कर ईपीएफ की रकम उनके बीच बांटने का अनुपात बता सकते हैं। इसके लिए एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड स्कीम, 1952 के सेक्शन 61 को देखें।

कंपनी प्रतिभूतियां (शेयर्स)

कंपनीज ऐक्ट के सेक्शन 109ए के मुताबिक, नॉमिनी मूल शेयरहोल्डर की मृत्यु के बाद शेयर्स का कानूनी तौर पर वारिस होता है। अगर शेयरहोल्डर ने किसी अन्य व्यक्ति को अपनी वसीयत में हकदार बनाया है, तो भी नॉमिनी ही शेयर्स का मालिक होगा।

तो दोस्तों ये हमने आपको अलग अलग स्थिति के हिसाब से बताया की किस स्थिति में नॉमिनी मालिक होता है और किस में नहीं |

तो दोस्तों अब बात आती है उस स्थिति की जब आप ये चाहते है की आपकी मृत्यु के बाद आपकी सारी संपत्ति आपके नॉमिनी को ही मिले तो इसके लिए क्या करना चाहिए | दोस्तों आपकी ये चाहत पूरी करने के लिए आपको वसीयत बनानी होगी | वसीयत में बताना होगा की आप अपनी संपत्ति में से किसे क्या देना चाहते है | वसीयत एक सर्वोपरि दस्तावेज़ के तौर पर काम करेगी और अगर आपकी वसीयत वैध साबित हो जाती है तो ये आपके जीवन काल के किसी भी नॉमिनेशन या किसी भी अरेंजमेंट को ओवरराइड कर जाएगी | और दोस्तों वसीयत के प्रावधान तो आपकी उस संपत्ति पर भी लागु होंगे जिसमे आपने नॉमिनेशन नहीं किया |

वो दोस्तों कहते है ना की लम्बी अवधि के लिए सोच और योजना आपकी छोटी अवधि के निर्णय लेने की क्षमता पर ाचा प्रभाव डालती है तो आपके आपनो के लिए आप वसीयत बनाइये और वसीयत और नॉमिनेशन में समानता रखिये जिससे आपकी संपत्ति का बटवारा बिना किसी झंझट के आराम से हो जाये और आपके जाने के बाद आपके कानूनी वारिस को या जिसे आप अपनी संपत्ति देना चाहते है उसे आपकी संपत्ति लेने के लिए कोई कानूनी लड़ाई ना लड़नी पड़े |

तो दोस्तों, अपनी मृत्यु के बाद असेट का हकदार बनाने के लिए आपके किसी व्यक्ति को जरूर नॉमिनेट करना चाहिए। इसके साथ ही आपके पास वसीयत भी होनी चाहिए, जिससे असेट्स आपकी इच्छा के अनुसार बांटे जा सकें।

तो दोस्तों अब आपको लग रहा होगा की जब नॉमिनी मालिक होता ही नहीं तब क्यों कहाँ जाता है की नॉमिनेशन ज़रूर करे.. या नॉमिनेशन क्यों ज़रूरी है?

या फिर नॉमिनेशन का क्या महत्व है ?

दोस्तों नॉमिनेशन होने से आपकी संपत्ति का ट्रांसफर सुविधाजनक हो जाता है और अगर आपका नॉमिनी ही आपका कानूनी वारिस भी है तब तो कोई चिंता ही नहीं | लेकिन अगर नहीं भी है तब भी वो आपके कानूनी वारिसों को संपत्ति आसानी से ट्रांसफर कर पायेगा | क्योकि नॉमिनी को आपकी संपत्ति ट्रांसफर होती है और वो आगे कानूनी वारिस को ट्रांसफर कर देता है लेकिन नॉमिनी बनाते समय आप ध्यान रखिएगा की  शेयर्स और epf के केस में जो नॉमिनी होगा वो ही कानूनन मालिक माना जायेगा |

तो अपनी संपत्ति को सुरक्षित करने के लिए नॉमिनेशन करे और साथ ही साथ वसीयत भी ज़रूर बनाये | ताकि आपके जाने के बाद आपके अपनों को आपकी संपत्ति हासिल करने के लिए कोई कानूनी लड़ाई ना लड़नी पड़े और किसी असुविधा का सामना ना करना पड़े |

दोस्तों उम्मीद करते है की आपको नॉमिनी के बारे में सारी जानकारी मिल गयी होगी और आप समाज गए होंगे की सभी परिस्तिथियो में नॉमिनी आपकी संपत्ति का कानूनी मालिक नहीं होता और अगर आप चाहते है की आपकी मृत्यु के बाद नॉमिनी ही आपकी संपत्ति का मालिक बने तो आपको क्या करना होगा |

तो दोस्तों अगर आपको हमारा लेख पसंद आया तो इसे अपना दोस्तों के साथ भी शेयर करिये और हमे नीच कमेंट करके ज़रूर बताइये की कैसा लगा आपको हमारा ये प्रयास |

धन्यवाद् |

View Comments (5)

  • itna acha article or wo bhi hindi me.. aapka bahut bahut aabhar .. satik jankari ke liye .. dhanyawad

  • My question.....?
    अगर माँ की मृत्यु हो गयी है और उन्होंने किसी को भी nominee नही बनाया है और उसके 2 बच्चे और पति ये 3 लोग है ।और अब उनको पैसा निकालने मे परेशानी आ रही है। इसमें अगर witness लगते है तो क्या उन witnees से उनकी निजी संपत्ति की detail ली जायेगी और अगर ली जाये तो कोई भी witness अपनी personal detail क्यों देगा? ये खा तक सही है......pls answer बताइये।