हर क्षेत्र में विजयी रही हूँ ,
संग तेरे खड़ी,
पर मैं ही जली हूँ,
यू ख़ुद को जलाना
क्या मेरा उद्देश्य यही था ?
दाँव पर लगाकर ख़ुद की ख़ुशी को -2
ये तेरा घर सँवारा
यू ही ख़ुद को मिटाना
क्या मेरा उद्देश्य यही था?
माँग मेरे नाम की तुम भी -2
क्यों भरते नहीं हो ?
यू सजना सँवरना
क्या मेरा उद्देश्य यही था?
घुटन की ज़िन्दगी
तुम ना जानते हो
यू तिल तिल मर जाना
क्या मेरा उद्देश्य यही था?
हर बात में परखी हूँ जाती।
सवालों से घिरा ख़ुद को हूँ पाती।
हर बात पर खरा उतरना।
क्या मेरा उद्देश्य यही था ?
संग तेरे जो सपने सजायें,
मैंने ही सारे सूली चढ़ाये
सपनो को धरशयी करना
क्या मेरा उद्देश्य यही था ?
-डॉ रूचि ढाका
पीएचडी
मनोविज्ञान