दोस्तों मोदी सरकार ने सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) 2019 को अधिसूचित कर दिया है. इस SCSS 2019 ने SCSS Rules 2004 की जगह ले ली है. बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम के मुकाबले सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस) कई मामले में बेहतर है. आज हम सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के बारे में डिटेल में जानेगे और साथ ही जानेगे की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम २०१९ के नियम क्या कहते है । तो चलिए स्टार्ट करते है
दोस्तों किसी भी स्कीम में जब निवेश की बात आती है तो सबसे अहम् सवाल ये आता है की क्यों करे इस स्कीम में निवेश ? तो आइये सबसे पहले जानते है की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश क्यों करे?
दोस्तों सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम सीनियर सिटीजन्स के लिए उनके पैसे पर बेहतर रिटर्न पाने का सुनहरा अवसर देता है। ये स्कीम आपको एक रेगुलर इनकम की गारंटी देती है । किसी भी फिक्स्ड डिपाजिट से ज्यादा रिटर्न मिलता है आपको सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में ।
आइये अब जानते है की कौन कौन कर सकता है सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश
- 60 साल या इससे ज्यादा उम्र का कोई व्यक्ति इस स्कीम में निवेश कर सकता है.
- स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) या सामान्य रिटायरमेंट के जरिए 55 से 60 की उम्र में रिटायर होने वाल कोई व्यक्ति भी इस स्कीम का फायदा उठा सकता है. शर्त यह है कि उसे रिटायरमेंट बेनेफिट मिलने के एक महीने के अंदर इस स्कीम में निवेश करना होगा.
- रिटायर्ड डिफेन्स सर्विस पर्सन भी इस स्कीम में निवेश कर सकते है और उनकी मिनिमम आयु 50 साल होनी चाहिए ।
- एनआरआई और हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) को इस स्कीम में निवेश करने की इजाजत नहीं है.
आइये अब जानते है की कैसे कर सकते है सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश:
कोई बुजुर्ग व्यक्ति एकल (इंडिविजुअल) या ज्वाइंट अकाउंट (पति/पत्नी के साथ) खोलकर इस स्कीम में निवेश कर सकता है. अकाउंट पोस्टऑफिस या बैंक में खोला जा सकता है.
कितना करना होगा निवेश?
कोई व्यक्ति सिंगल या ज्वाइंट खाता खोलकर 15 लाख रुपये (1,000 रुपये के गुणक में) तक का निवेश इस स्कीम में कर सकता है. SCSS में डिपॉजिट की अधिकतम रकम या तो रिटायरमेंट पर मिलने वाली रकम हो सकती है या 15 लाख रुपये. इन दोनों में से जो भी रकम कम हो, उसे SCSS में निवेश किया जा सकता है. एक लाख रुपये से कम रकम से खाता खोलने के लिए नकद का इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन, 1 लाख या इससे ज्यादा रकम के निवेश के लिए सिर्फ बैंक चेक का इस्तेमाल करने की इजाजत है.
आइये जानते है की इस स्कीम के तहत खाता खोलने के लिए कौन कौन से डाक्यूमेंट्स देने होंगे?
सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम के तहत खाता खोलने के लिए केवाईसी की प्रक्रिया जरूरी है. आवेदक के फोटो लगेंगे. पैन देना होगा. इसके अलावा आधार और एड्रेस प्रूफ भी देना होगा. रिटायर्ड व्यक्ति को अपने एंप्लॉयर (जहां उसने नौकरी की है) से मिला सर्टिफिकेट भी देना होगा. इसमें रिटायरमेंट के बारे में जानकारी, नौकरी में व्यक्ति के पद, नौकरी की अवधि आदि की जानकारी शामिल होगी. आवेदक को रिटायरमेंट बेनेफिट मिलने की तारीख की जानकारी भी देनी होगी.
आइये जानते है की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में कितना मिलता है ब्याज:
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के तहत आपको निवेश की रकम पर 8 फीसदी से अधिक ब्याज मिलता है. केंद्र सरकार का वित्त मंत्रालय हर तीन महीने पर एससीएसएस की ब्याज दर की समीक्षा करता है. एससीएसएस में ब्याज का कैलकुलेशन हर तिमाही होता है. इस हिसाब से आपके अकाउंट में 31 मार्च, 30 जून, 30 सितंबर और 31 दिसंबर को ब्याज की रकम डाल दी जाती है. इस स्कीम में निवेश से पहले यह ध्यान देने वाली बात है कि अगर आप पोस्टऑफिस के जरिए इस स्कीम में खाता खोलना चाहते हैं तो पोस्टऑफिस में आपका सेविंग्स अकाउंट होना चाहिए. बैंक में इस स्कीम के लिए खाता खोलना चाहते हैं तो बैंक में सेविंग्स अकाउंट होना जरूरी है. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में करंट इंटरेस्ट रेट 8.6 % सालाना मिल रहा है।
उदहारण के तौर पर आपने अपने सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में 15 लाख जमा किये तो 5 साल में आपको करंट इंटरेस्ट रेट के हिसाब से 6,45,000 रूपये मिलेंगे । और ये पैसे क्वार्टरली आपके अकाउंट में जमा किये जायेंगे तो आपको हर क्वार्टर 32,250 मिलेंगे ।
आइये जानते है की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम की अवधि
इस स्कीम की अवधि 5 साल है. इसे और तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. समय से पहले पैसे निकालने की इजाजत है. लेकिन, खाता खोलने के एक साल बाद ही ऐसा किया जा सकता है. समय से पहले निकासी पर आपको कुछ शुल्क भी देना पड़ेगा.
अगर खाता खोलने के एक साल बाद लेकिन दो साल पूरा होने से पहले स्कीम से पैसे निकाले जाते हैं तो कुल डिपॉजिट का 1.5 फीसदी चार्ज लगेगा. 2 साल के बाद स्कीम से पैसे निकालने पर 1 फीसदी ही चार्ज देना होगा. जमाकर्ता की मौत हो जाने पर खाते को बंद करने के लिए कोई चार्ज नहीं देना पड़ता.
आइये अब जानते है की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर टैक्स के क्या प्रावधान है ?
एससीएसएस में निवेश पर आयकर की धारा 80सी के तहत टैक्स से छूट मिलती है. हालांकि, टैक्स बेनेफिट पर धारा 80सी के लिए सालना 1.5 लाख रुपये निवेश की सीमा लागू होगी. धारा 80सी के तहत टैक्स बेनेफिट उस वित्त वर्ष में मिलता है, जिसमें पैसा इस स्कीम में जमा किया जाता है. एससीएसएस के नियमों के मुताबिक, एक एससीएसएस खाते में केवल एक डिपॉजिट की इजाजत है. 5 साल के बाद खाते की अवधि बढ़ाने पर धारा 80सी के तहत कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा.
समय से पहले इस स्कीम से पैसा निकालने पर धारा 80सी के तहत मिलने वाला लाभ खत्म हो जाता है.
यह बात ध्यान में रखने योग्य है कि जमाकर्ता की मौत हो जाने पर नॉमिनी या उसके वारिस के समय से पहले स्कीम से निकाले गए पैसे पर कोई टैक्स नहीं लगता है. जमाकर्ता की मौत के बाद खाते में आई ब्याज की रकम पर नॉमिनी या उसके वारिस को टैक्स देना होगा.
इस स्कीम से मिलने वाले ब्याज पर जमाकर्ता को टैक्स देना होगा. टैक्स के मौजूदा नियमों के मुताबिक, ब्याज की रकम 10,000 से ज्यादा होने पर टीडीएस का प्रावधान है.
तो दोस्तों आज हमने बात की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम की । ये स्कीम एक बेहतर रिटर्न देने वाली स्कीम है और ये स्कीम सीनियर सिटीजन्स के लिए एक रेगुलर इनकम की व्यवस्था करती है ।
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