दोस्तों, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने इसी रविवार को स्वामित्व योजना (Svamitva Scheme) के लिए प्रॉपर्टी कार्ड्स के फिजिकल डिस्ट्रीब्यूशन की शुरुआत की। पीएम मोदी के एक बटन दबाते ही देशभर के करीब एक लाख प्रॉपर्टी मालिकों को एक SMS गया। उस मैसेज में एक लिंक शामिल है, जिस पर क्लिक कर वह अपना प्रॉपर्टी कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद, राज्य सरकारें असली यानी फिजिकल प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को बांटेंगी। फिलहाल जिनके कार्ड बन गए हैं, उनमें उत्तर प्रदेश के 346 गांव, हरियाणा के 221 गांव, महाराष्ट्र के 100, उत्तराखंड के 50 और मध्य प्रदेश के 44 गांव शामिल हैं। मगर इन कार्ड से गांव के लोगों को क्या फायदा होगा और ‘स्वामित्व योजना’ आखिर है क्या ? और किसको मिलेगा इस योजना का लाभ ? आज हम इसी बारे में बात करेंगे। तो चलिए शुरू करते है।
दोस्तों, अगर आप भी देश के गांव में रहते हैं और अपने मकान पर लोन लेना चाहते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। कुछ दिन पहले ही पंचायती राज दिवस पर पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना लांच की थी। इसमें गांव में मौजूद संपत्ति की डिजिटल मैपिंग होनी है, जिसके बाद आपके पास अपनी संपत्ति के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज बन जायेंगे।
क्या है ‘स्वामित्व’ योजना?
केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना राष्ट्रीय पंचायती दिवस (24 अप्रैल), 2020 को लॉन्च की गई थी। यह योजना ग्रामीण इलाकों में मौजूद घरों पर उनके मालिकों का मालिकाना हक डाक्यूमेंट्स के साथ सुनिश्चित करने के लिए है। स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण इलाकों की जमीनों का सीमांकन ड्रोन सर्वे टेक्नोलॉजी के जरिए होगा और ग्रामीण इलाकों मे मौजूद घरों के मालिकों के मालिकाना हक का एक रिकॉर्ड बनेगा। इन रिकॉर्ड्स के जरिए वे अपनी संपत्ति को फाइनेंशियल एसेट के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे और बैंक से कर्ज या अन्य वित्तीय सुविधाएं लेने में कर सकते हैं।
इस योजना से ग्रामीण योजना के लिए जमीन के सटीक आंकड़े मिलेंगे और प्रॉपर्टी टैक्स के आकलन में सरकार को मदद मिलेगी। इसके अलावा इससे जमीन से जुड़े कानूनी झगड़े कम करने में मदद मिलेगी। पंचायती राज मंत्रालय इस योजना को लागू कराने वाला नोडल मंत्रालय है। राज्यों में योजना के लिए राजस्व/भूलेख विभाग नोडल विभाग हैं। ड्रोन्स के जरिए प्रॉपर्टी के सर्वे के लिए सर्वे ऑफ इंडिया नोडल एजेंसी है।
क्यों पड़ी योजना लाने की जरूरत
गांव की खेती की जमीन का रिकॉर्ड खसरा-खतौनी में तो होता है। लेकिन, गांवों की आवासीय संपत्ति के मालिकाना हक के आधार पर कोई रिकॉर्ड नहीं है। कई राज्यों में गांवों के रिहाइशी इलाकों का सर्वे और मैपिंग संपत्ति के सत्यापन के लिहाज से नहीं हुआ। लिहाजा अधिकतर ग्रामीणों के पास अपने घरों के मालिकाना हक के कागजात नहीं हैं। इस स्कीम के जरिए हर आवासीय संपत्ति की पैमाइश कर मालिकाना हक सुनिश्चित किया जाएगा।
पहले चरण में योजना का लाभ छह राज्यों के 763 गांवों को मिलेगा। इसमें 346 गांव उत्तर प्रदेश, 221 हरियाणा, 100 महाराष्ट्र, 44 मध्य प्रदेश, 50 उत्तराखण्ड और 2 कर्नाटक से हैं। महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों को एक दिन के भीतर उनके जमीन के कागजात डाउनलोड करने के लिए एसएमएस लिंक एक दिन के भीतर भेज दिया जाएगा। महाराष्ट्र में प्रॉपर्टी कार्ड पर शुल्क रखा गया है, इसलिए वहां इसमें एक महीने तक का समय लग सकता है।
कैसे काम करेगी ‘स्वामित्व’ योजना?
‘स्वामित्व’ योजना के तहत गांवों की आवासीय भूमि की पैमाइश ड्रोन के जरिए होगी। ड्रोन से गांवों की सीमा के भीतर आने वाली हर प्रॉपर्टी का एक डिजिटल नक्शा तैयार होगा और हर रेवेन्यू ब्लॉक की सीमा भी तय होगी। यानी कौन सा घर कितने एरिया में है, यह ड्रोन टेक्नोलॉजी से सटीकता से मापा जा सकेगा। गांव के हर घर का प्रॉपर्टी कार्ड राज्य सरकारें बनाएंगी।
क्या फायदा होगा?
- प्रॉपर्टी के मालिक को उसका मालिकाना हक आसानी से मिलेगा।
- एक बार प्रॉपर्टी कितनी है तय होने पर उसके दाम भी आसानी से तय हो पाएंगे।
- प्रॉपर्टी कार्ड का इस्तेमाल कर्ज लेने में किया जा सकेगा।
- पंचायती स्तर पर टैक्स व्यवस्था में सुधार होगा।
केंद्र सरकार को योजना से क्या हासिल?
- ग्रामीण भारत में वित्तीय स्थिरता लाने की कोशिश।
- प्लानिंग के लिए सटीक लैंड रिकॉर्ड्स उपलब्ध होंगे।
- प्रॉपर्टी टैक्स तय करने में मदद मिलेगी।
- सर्वे इन्फ्रास्ट्रक्सर और GIS मैप्स तैयार होंगे जो कोई भी विभाग यूज कर पाएगा।
- ग्राम पंचायत विकास योजना बनाने में मदद होगी।
- प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद और कानूनी मामले कम होंगे।
दोस्तों , पूरे विश्व के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स इस बात पर जोर देते रहे हैं कि जमीन और घर के मालिकाना हक की, देश के विकास में बड़ी भूमिका होती है। दुनिया में एक तिहाई आबादी के पास ही कानूनी रूप से अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड है, पूरी दुनिया में दो तिहाई लोगों के पास यह नहीं है। ऐसे में भारत जैसे विकासशील देश के लिए यह बहुत जरूरी है कि लोगों के पास उनकी संपत्ति का सही रिकॉर्ड हो। गांव के कितने ही नौजवान हैं जो अपने दम पर कुछ करना चाहते हैं। लेकिन घर होते हुए भी उन्हें, अपने घर के नाम पर बैंक से कर्ज मिलने में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। स्वामित्व योजना के तहत बने प्रॉपर्टी कार्ड को दिखाकर, बैंकों से बहुत आसानी से कर्ज मिलना संभव होगा। जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है, जब संपत्ति पर अधिकार मिलता है तो नागरिकों में आत्मविश्वास बढ़ता है, साथ ही निवेश के लिए नए रास्ते खुलते हैं।
स्वामित्व योजना भी हमारे गांवों में अनेकों विवादों को समाप्त करने का बहुत बड़ा माध्यम बनेगी और इसके साथ साथ गांव में रहने वाले हमारे भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करने वाली है।
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