बिना वसीयत, न कोई जानकारी, अचानक मृत्‍यु हो जाए तो संपत्ति का पता कैसे लगेगा? ये हैं तरीके

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दुनिया में कुछ लोग बहुत आर्गनाइज्ड होते हैं। लेन-देन का रिकॉर्ड रखते हैं, नॉमिनी अपडेट करते हैं और फैमिली को भी सब बताते हैं। ऐसे लोगों की फायनेंशियल लाइफ छिपी नहीं होती, कम से कम परिवार के लोगो के लिए तो नहीं । वहीं कुछ लोग किसी को नहीं बताते कि पैसा कहां लगाया है, कौन सी पॉलिसी ली है, कहां प्रॉपर्टी खरीदी है। कभी आलस के चलते तो कभी लापरवाही… कुछ लोग नॉमिनी डीटेल्‍स नहीं भरते। न वसीयत तैयार कराते हैं। न ही फैमिली को अपने फायनेंस के बारे में बताते हैं। अगर ऐसे किसी व्‍यक्ति की अचानक मृत्‍यु हो जाए तो क्‍या होगा? क्‍या ऐसे मृतक की संपत्तियों का पता लगाया जा सकता है? जी, जहां। परिजन और कानूनी वारिस घर में दस्‍तावेजों की तलाश से शुरुआत कर सकते हैं। आज हम इसी बारे में बात करेंगे की ऐसे मृतक की सम्पतियो का पता कैसे लगाया जा सकता है।  तो चलिए शुरू करते है।

दोस्तों जो लोग नॉमिनी डीटेल्‍स नहीं भरते। न वसीयत तैयार कराते हैं। न ही फैमिली को अपने फायनेंस के बारे में बताते हैं। अगर ऐसे किसी व्‍यक्ति की अचानक मृत्‍यु हो जाए तो क्‍या होगा? क्‍या मृतकों की संपत्तियों का पता लगाया जा सकता है? जी, जहां। परिजन और कानूनी वारिस घर में दस्‍तावेजों की तलाश से शुरुआत कर सकते हैं। अगर मृतक का कोई चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्‍स एडवाइजर रहा हो तो उससे संपर्क करना होगा। नहीं तो, फिर मृतक के आयकर रिटर्न (ITR) या एनुअल इन्‍फॉर्मेशन स्‍टेटमेंट (AIS) का ही सहारा है। इन्‍हें एक्‍सेस करने के लिए मृतक का PAN और मोबाइल फोन होना जरूरी है। अगर PAN नहीं है तो कानूनी वारिस मृतक के PAN को फिर से जारी करने के लिए अप्‍लाई कर सकता है। मृत्‍यु के बाद किसी की संपत्तियों का पता लगाने के लिए आप ये स्टेप्स फॉलो कर सकते है।

  1. डाक्यूमेंट्सऔर पहचान पत्र तलाशें

घर में बैंक और इन्वेस्टमेंट से जुड़े अन्‍य दस्‍तावेजों की तलाश करें। बैंक पासबुक या चेकबुक, डायरी, नोट्स या PAN कार्ड या बैंक लॉकर की चाभी… इन सबसे संपत्तियों का पता लगाने में मदद मिलेगी। आमतौर पर डिसऑर्गनाइज्‍ड रहने वाले लोग भी ऐसे दस्‍तावेज किसी एक जगह पर रखते हैं।

  • CA/टैक्‍स एडवाइजर से मिलें

अगर मृतक व्‍यक्ति ने किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट/टैक्‍स एडवाइजर की सेवाएं ले रखी थीं तो उनसे काफी कुछ जानकारी मिल सकती है। CAs के पास से बैंक एकाउंट्स से लेकर सभी तरह की इनकम की डीटेल्‍स पता लग सकती हैं।

  • ITR

अगर मृतक खुद ITR फाइल कर रहा था तो परिजन ITR पोर्टल पर रिर्टन देख सकते हैं। इसके लिए PAN और मृतक के मोबाइल फोन का एक्‍सेस जरूरी है।

एनुअल इन्‍फॉर्मेशन स्‍टेटमेंट से काफी सारी जानकारी मिल सकती है। AIS से प्रॉपर्टी खरीद, ब्‍याज से आय और अन्‍य निवेशें की जानकारी मिलती है। शेयर्स और म्‍युचुअल फंड्स में इनवेस्‍टमेंट का पता भी इससे लग सकता है।

EPF के केस में आप एम्प्लायर को एप्रोच करके सारी डिटेल्स ले सकते है लेकिन PPF , RD  और बाकि इन्वेस्टमेंटस के केस में आपको पोस्ट ऑफिस में विजिट करके ही सारी डिटेल्स लेनी होगी। 

मृतक  के इन्शुरन्स पालिसी का पता लगाने के लिए आप फ़ोन नंबर, ईमेल id  और पैन नंबर की मदद ले सकते है। अगर फिर भी कुछ नहीं पता चलता तो आप इन्शुरन्स पॉलिसीस के ऑफिस में लेटर लिख कर भी कोशिश कर सकते है। 

कानूनी वारिस, सेकेंडरी होल्‍डर्स या नॉमिनी ऐसे निवेश पर दावा कर सकते हैं। अगर मृतक का PAN और फोलियो नंबर्स पता हैं तो MF ट्रांसफर बेहद आसान हो जाता है। अगर नहीं पता तो मृतक के ईमेल या फोन का एक्‍सेस चाहिए। कंसॉलिडेटेड अकाउंट स्‍टेटमेंट (CAS) जेनरेट करके सभी तरह के MFs की जानकारी मिल सकती है। अगर कुछ नहीं पता है तो फिर आपको नजदीकी RTA ब्रांच पर जाना होगा।

मृतक के स्‍टॉक होल्डिंग्‍स देखने के लिए यह पता होना जरूरी है कि किस ब्रोकर/बैंक के साथ डीमैट अकाउंट है। यह पता करने के लिए ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर का एक्‍सेस जरूरी है।

तो इस तरह से मृतक के एसेट्स की जानकारी का पता लगाया जा सकता है।  उम्मीद करते है की आपको हमारी आज की जानकारी अच्छी लगी होगी

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