दोस्तों, हम सभी को गिफ्ट देना और गिफ्ट लेना बहुत पसंद होता है। गिफ्टिंग बहुत कॉमन है। और हम सभी को गिफ्ट देते और लेते रहते हैं। लेकिन हम में से बहुत कम होंगे जिन्हें गिफ्टिंग की लीगल इंप्लीकेशंस पता होती है। गिफ्ट देने का प्रॉपर तरीका होता है गिफ्ट डीड के द्वारा । त्योहारों में लिए और दिए जाने वाले छोटे-मोटे गिफ्ट के लिए गिफ्ट डीड की कोई जरूरत नहीं होती है।
लेकिन अगर कैश या फिर अचल संपत्ति यानी कि इमूवेबल प्रॉपर्टी के रूप में आप किसी को कोई बहुत बड़ा गिफ्ट दे रहे हो तो वहां पर गिफ्ट डीड बहुत जरूरी हो जाती है। खासकर अगर गिफ्ट जमीन या भवन जैसी कोई अचल संपत्ति है तो कानून के हिसाब से गिफ्ट डीड बहुत जरूरी है। इसके लिए ना सिर्फ गिफ्ट डीड ही बननी चाहिए बल्कि उसकी रजिस्ट्री भी होनी चाहिए तभी वह गिफ्ट डीड वैलिड होगी।
आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे कि गिफ्ट डीड क्या होती है ? कब आप को गिफ्ट करते समय गिफ्ट डीड बनवानी होगी ? गिफ्ट डीड बनवाते हुए किन किन बातों का ध्यान रखना होगा ? और साथ ही जानेंगे गिफ्ट डीड से जुड़ी हुई सारी इंपॉर्टेंट जानकारी।
तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि गिफ्ट डीड क्या होती है ?
दोस्तों गिफ्ट डीड एक प्रकार का डॉक्यूमेंट है। किसी को गिफ्ट या तोहफा देते समय इसे बनवाया जाता है। इससे गिफ्ट देने और गिफ्ट लेने वाले के पास इसका रिकॉर्ड रहता है। कानूनी भाषा में गिफ्ट देने वाले को डोनर और गिफ्ट लेने वाले को डोनी कहते हैं।
दोस्तों गिफ्ट देना एक सबसे कॉमन तरीका है अपने फैमिली मेंबर को अपना प्यार और अफेक्शन दिखाने का । लीगल टर्म्स में बात करें तो गिफ्टिंग का मतलब है, अपने किसी वैल्युएबल सामान को किसी दूसरे बंदे को ट्रांसफर करना और वो भी अपनी मर्जी से, बिना किसी दबाव के और बिना किसी कंसीडरेशन या कंडीशन के। यानी कि गिफ्ट के बदले आप ना तो कोई मॉनेटरी कंसीडरेशन लेंगे और ना ही किसी और फॉर्म में गिफ्ट या कुछ भी लेंगे। और इसके साथ-साथ गिफ्ट कंडीशन फ्री होता है। यानी कि गिफ्ट देते समय आप कोई कंडीशन नहीं लगा सकते। आप ऐसे कोई गिफ्ट नहीं कर सकते की अगर उसने यह कंडीशन पूरी की तो मैं उसे यह गिफ्ट कर दूंगा। गिफ्टिंग हमेशा कंडीशन फ्री होती है।
और जब आप अपनी किसी मूवेबल या इमूवेबल प्रॉपर्टी को किसी दूसरे बंदे को गिफ्ट करते हो तो उसका लीगल तरीका होता है गिफ्ट डीड एग्जीक्यूट करके गिफ्ट करना। गिफ्ट डीड एक ऐसा लीगल डॉक्यूमेंट होता है जिसके द्वारा एक पर्सन गिफ्ट देता है और दूसरा पर्सन गिफ्ट रिसीव करता है। गिफ्ट देने वाले को डोनर और गिफ्ट एक्सेप्ट करने वाले को डोनी कहते हैं। एक गिफ्ट डीड तभी वैलिड मानी जाती है जब वह बिना किसी दबाव के प्यार और अफेक्शन से दिया गया हो और बिना किसी कंसीडरेशन और कंडीशन के दिया गया हो। एक प्रॉपर्ली एग्जीक्यूटिव गिफ्ट डीड ऑनर से प्रॉपर्टी या एसेट जो भी गिफ्ट की गई हो, उससे जुड़े सारे राइट्स और ऑब्लिगेशंस ट्रांसफर कर देती है डोनी को और डोनी गिफ्ट को एक्सेप्ट करते ही उस प्रॉपर्टी या एसेट का अब्सोल्युटो मालिक बन जाता है।
आइए अब जानते हैं कि क्या क्या गिफ्ट किया जा सकता है ?
ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट , 1882 के सेक्शन 122 के तहत आप इन सब प्रॉपर्टी को ट्रांसफर कर सकते हैं एक वैलिड गिफ्ट डीड के द्वारा :
1. किसी भी मूवेबल और इममोवबले प्रॉपर्टी को ट्रांसफर कर सकते हैं
2. किसी एक्जिस्टिंग प्रॉपर्टी को ट्रांसफर कर सकते हैं
3. किसी ट्रांसफरेबल प्रॉपर्टी को ट्रांसफर कर सकते हैं
4. किसी tangible प्रॉपर्टी को ट्रांसफर कर सकते हैं
आइए अब जानते हैं कि गिफ्टिंग का पूरा प्रोसेस क्या होता है। हम इसे 3 स्टेप्स में डिवाइड करके आसानी से समझते हैं।
पहला स्टेप आता है गिफ्ट डीड को ड्राफ्ट करना। दोस्तों, आप किसी भी वकील की मदद से गिफ्ट डीड ड्राफ्ट करा सकते हैं। गिफ्ट डीड में साफ-साफ लिखा होना चाहिए कि कौन डोनर है और कौन डोनी है और क्या गिफ्ट किया जा रहा है। गिफ्ट डीड एक कॉन्ट्रैक्ट है डोनर और डोनी के बीच में, जो एक साथ गिविंग और टेकिंग को डिफाइन करता है। एक गिफ्ट तभी वैलिड होगा जब वह स्वेच्छा से दिया गया हो बिना किसी कंडीशन और कंसीडरेशन के।
दूसरा स्टेप आता है एक्सेप्टेंस। एक गिफ्ट डीड के एग्जीक्यूशन के बाद उस गिफ्ट का एक्सेप्टेंस भी बहुत जरूरी है। डोनी को डोनर की लाइफ टाइम में ही गिफ्ट को स्वीकार करना होता है। यानी कि डोनी को डोनर के जिंदा रहते रहते ही गिफ्ट को स्वीकार करना होता है। अगर डोनी डोनर के जिंदा रहते गिफ्ट को स्वीकार नहीं कर पाता और डोनर की मृत्यु हो जाती है तो यह गिफ्ट इनवैलिड हो जाएगा। डोनी उस प्रॉपर्टी का पजेशन लेकर अपनी एक्सेप्टेंस शो कर सकता है।
तीसरा स्टेप आता है रजिस्ट्रेशन। ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के सेक्शन 123 के अकॉर्डिंग कोई भी गिफ्ट डीड तब तक वैलिड नहीं है जब तक वह रजिस्टर नहीं हो जाती। और गिफ्ट डीड का रजिस्ट्रेशन होता है रजिस्ट्रेशन एक्ट 1960 के अनुसार। रजिस्ट्रेशन एक्ट का सेक्शन 17 सब सेक्शन ए कहता है कि किसी भी इमूवेबल प्रॉपर्टी को गिफ्ट किया जा सकता है सिर्फ एक रजिस्टर्ड गिफ्ट के द्वारा।
अब बात आती है कि किसी भी गिफ्ट डीड को रजिस्ट्रेशन कराने में कितने चार्जेस देने होते हैं ? दोस्तों रजिस्ट्रेशन चार्जेस इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपके गिफ्ट की वैल्यू कितनी है। किसी भी गिफ्ट डीड का रजिस्ट्रेशन कंप्लीट कराने में आपको कुछ फॉर्मेलिटीज पूरी करनी होती हैं जैसे कि :
- गिफ्ट डीड डोनर यानी कि जो बंदा गिफ्ट कर रहा है उसके द्वारा साइन होनी चाहिए।
- गिफ्ट डीड दो विटनेस के द्वारा अटेस्ट होनी चाहिए ।
- गिफ्ट डीड पर स्टांप ड्यूटी और ट्रांसफर ड्यूटी पेड़ होनी चाहिए। स्टांप ड्यूटी किसी भी गिफ्ट डीड को रजिस्ट्रेशन करने के लिए हर स्टेट में रिलेशन वाइज अलग अलग होती है।
- डोनर और रिसीवर दोनों को ही रजिस्ट्री के टाइम रजिस्ट्रार ऑफिस में मौजूद होना चाहिए।
- रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स जैसे कि पैन कार्ड, आधार कार्ड, आईडी प्रूफ जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा करने होते हैं ।
- कोई भी नाबालिक कानूनी रूप से वैलिड कॉन्ट्रैक्ट नहीं कर सकते। इसीलिए वह वैलिड गिफ्ट डीड नहीं बना सकते। नाबालिक के अभिभावक उसकी ओर से गिफ्ट स्वीकार कर सकते हैं।
- एक बार गिफ्ट डीड के तहत गिफ्ट दे देने पर उसको रद्द नहीं किया जा सकता।
- इनकम टैक्स एक्ट के तहत रिश्तेदार से मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स में छूट मिलती है।
दोस्तों ,आप उसी प्रॉपर्टी को गिफ्ट कर सकते हैं जिस पर आप का संपूर्ण अधिकार हो। जो आपकी खुद की कमाई हुई हो या फिर आपको किसी वसीयत के जरिए मिली हो या फिर किसी ने आप को गिफ्ट की हुई हो। कोई भी ऐसी प्रॉपर्टी जिसका आपके पास क्लियर टाइटल नहीं है आप गिफ्ट नहीं कर सकते। गिफ्ट आप किसी भी इंसान को कर सकते हो चाहे वह आपका रिश्तेदार हो या फिर चाहे आपके लिए बिल्कुल अनजान है। लेकिन गिफ्ट डीड में गिफ्ट देने की वजह क्या है वह आपको साफ-साफ बतानी होगी। जैसे कि आप प्यार या अफेक्शन या रिस्पेक्ट या किसी और कारण से अपनी प्रॉपर्टी गिफ्ट करना चाहती हैं।
आइए अब जानते हैं गिफ्ट डीड में क्या क्या शामिल होना चाहिए :
गिफ्ट डीड में सबसे पहले उसकी हेडिंग लिखिए।
इसके बाद डोनर और डोनी का नाम, उनकी उम्र और उनका एड्रेस यानी पता लिखिए।
इसके बाद उस प्रॉपर्टी या एसेट का वर्णन कीजिए जिसे आप गिफ्ट करना चाहते हैं।
इसके बाद डिक्लेअर करें कि इस प्रॉपर्टी पर आपका संपूर्ण अधिकार है।
इसके बाद मेंशन करें कि आप किसलिए गिफ्ट कर रहे हैं।
इसके बाद 2 गवाहों के नाम और पते के साथ उनके हस्ताक्षर ले।
और अंत में आप इस डील को रजिस्टर करा ले।
आप हिंदी , इंग्लिश या फिर अपने प्रदेश की क्षेत्रीय भाषा में बनवा सकते हैं। एक गिफ्ट डीड को आप रद्द नहीं करा सकते अगर इसमें कोई धोखाधड़ी ना हो।
तो दोस्तों यह हमने जाना कि गिफ्ट डीड क्या होती है, कैसे बनवाते हैं और गिफ्ट डीड से जुड़ी बाकी की सारी जानकारियां हमने कवर की इस आर्टिकल में। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा आर्टिकल अच्छा लगा होगा। हमारा आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताइए और इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें। धन्यवाद
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Thank You
Apka Article Bahut Achha Hai.
Thank You